-स्पेशल ट्रेन के बाद भी 20 मिनट लेट से पहुंचे कैंट स्टेशन। एयरपोर्ट हुए रवाना

-मीडिया के सवालों से बचते रहे सुरेश प्रभु

VARANASI

पीएम के संसदीय क्षेत्र बनारस पहुंचे रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने रेल बजट ख्0क्म्-क्7 में रेल किराया में वृद्धि के सवाल पर मौन साध लिया। कई बार मीडिया के कुरेदने के बाद भी उन्होंने जवाब नहीं दिया। इससे कयास लगाया जा रहा है कि अगले बजट में भी अप्रैल से रेल किराया बढ़ सकता है। पूर्वाचल का दो दिवसीय दौरा समाप्त कर सोमवार को रेलमंत्री बलिया से मात्र पांच मिनट के लिए कैंट रेलवे स्टेशन आए। इस दौरान मीडिया से बचते रहे। सुरेश प्रभु स्पेशल ट्रेन से तय समय से लगभग ख्0 मिनट लेट से दोपहर क्.भ्0 बजे कैंट स्टेशन पर उतरे। सर्कुलेटिंग एरिया में खड़ी कार में सवार होकर एयरपोर्ट के लिए रवाना हो गए।

मोबाइल फोन से किया कंट्रोल

रेलमंत्री की स्पेशल ट्रेन को कैंट स्टेशन पहुंचने पर वाकी-टाकी के बजाए रेलकर्मियों ने मोबाइल फोन से कोआर्डिनेशन किया। लोको पायलट व स्टेशन मास्टर ने सेलफोन से वार्ता करके ट्रेन के उस कोच को ठीक उसी स्थान पर रोका जहां प्लेटफार्म की फर्श पर रेड कारपेट बिछाई गई थी।

अपने अंदाज में रहे मनोज सिन्हा

बलिया से रेलमंत्री सुरेश प्रभु के साथ रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा भी कैंट स्टेशन पहुंचे। यहां रेलमंत्री कार में सवार हो गए तब दरवाजे के पास खड़े होकर रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा ने अपने अंदाज में उनसे कहा कि हम यहीं रुक जा तानी। इस पर भी सुरेश प्रभु मुंह नहीं खोले व मौन ही रहे, लेकिन सिर हिलाकर स्वीकृति दी। इसके बाद उनकी कार एयरपोर्ट के लिए रवाना हो गयी।

देख नहीं पाए तैयारी

रेलमंत्री के लिए रेलवे ऑफिसर्स ने वीवीआईपी कक्ष में विश्राम व नास्ते का इंतजाम किया था। स्पेशल ट्रेन के लेट होने के कारण वह पांच मिनट भी स्टेशन पर नहीं रुके। वैसे, रेलमंत्री की अगवानी के लिए लखनऊ से डीआरएम एके लाहोटी भी बनारस आए थे। उधर रेलमंत्री के आगमन को देखते हुए दो मिनट पहले तक प्लेटफॉर्म नंबर एक व यात्री हाल में सफाई होती रही। सफाईकर्मी फर्श पर पोछा लगाते और स्प्रे छिड़कते रहे।

पैसेंजर्स हुए परेशान

कैंट स्टेशन पर रेलमंत्री के पहुंचने से पहले प्लेटफॉर्म नंबर एक व फ‌र्स्ट क्लास वेटिंग हाल में पैसेंजर्स को परेशानी का सामना करना पड़ा। आरपीएफ के जवान पैसेंजर्स को हाल में रुकने नहीं दे रहे थे, उन्हें इधर-उधर भगाते रहे। लेडिज को हाल से हटाने के लिए महिला कांस्टेबल की ड्यूटी लगाई गई थी।

कुलियों ने लगाया नारा

रेलमंत्री को कुलियों ने लेटर सौंपकर रेलवे में नौकरी मांगी। धक्का-मुक्की के बीच किसी प्रकार कुली रेलमंत्री के पास तक पहुंचे और उन्हें ज्ञापन सौंपने में कामयाब रहे। जिसे रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा ने लिया। इस बीच कुलियों ने नारेबाजी भी की।