ALLAHABAD: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रेल मंत्रालय भारत सरकार डीजी आरपीएफ दिल्ली आईजी/चीफ सिक्योरिटी कमिश्नर रेलवे प्रोटेक्शन स्पेशल फोर्स एनईआर गोरखपुर व अन्य से लगभग एक हजार सिपाहियों की याचिका पर जवाब मांगा है। याचिका में कांस्टेबलों ने रेलवे मंत्रालय की 28 दिसंबर 2017 की उस नीति को चुनौती दी है, जिसमें पूरे देश में रेलवे प्रोटेक्शन स्पेशल फोर्स से आरपीएफ तबादले का प्रावधान खत्म दिया गया है। सिपाहियों की इस याचिका पर कोर्ट ने सभी विपक्षियों से चार सप्ताह में जवाब मांगा है। यह आदेश जस्टिस सुनीता अग्रवाल ने रामसिंह यादव व अन्य सिपाहियों की याचिका पर दिया है। याचीगण के वकील विजय गौतम का तर्क था कि रेलवे मंत्रालय की नीति में दोनों फोर्स आरपीएसएफ से आरपीएफ के बीच आपसी तबादले को खत्म कर दिया, जो गलत है। जबकि दोनों फोर्स के जवाब एक ही नियमावली से शासित हैं। ऐसे में दोनों फोर्स के बीच तबादले की पहले से चली आ रही नीति को समाप्त कर गलत किया है। कोर्ट याचिका पर छह सप्ताह बाद सुनवाई करेगी।