-पीएम के संसदीय क्षेत्र को रेलवे देगा नयी सौगात, इस खास ट्रेन में नहीं होगा इंजन

-दिल्ली तक पहुंचने में लगेगा कम समय, मुरादाबाद तक ट्रायल के बाद उम्मीद को लगे पंख

VARANASI

पीएम के संसदीय क्षेत्र बनारस को एक और सौगात मिलने वाली है। वह दिन दूर नहीं जब वाराणसी जंक्शन से नई दिल्ली कम समय में ही पहुंचा जा सकेगा। बिना इंजन वाली देश की पहली ट्रेन-18 को इस रूट पर दौड़ाने की तैयारी चल रही है। आरडीएसओ इस ट्रेन का ट्रायल करने में जुटा हुआ है। पार्ट-पार्ट में इसका ट्रायल हो रहा है। सहारनपुर से मुरादाबाद तक ट्रायल पिछले दिनों पूरा हो चुका है। अब आगे के रूट पर ट्रायल होना है। खास बात यह कि वाराणसी से नई दिल्ली के बीच डबलिंग व इलेक्ट्रिफिकेशन वर्क पूरा हो चुका है। ऐसे में इस ट्रेन को संचालित करने में कोई बाधा नहीं आएगी। इस पूरी ट्रेन को इंटीग्रल कोच फैक्ट्री 'आईसीएफ' में तैयार किया गया है। जो कि पूरी तरह से सेमी बुलेट है।

16 कोच की होगी ट्रेन

ट्रेन सेल्फ प्रोपल्सन सिस्टम टेक्नोलॉजी पर बेस है। इसमें हर कोच के नीचे ट्रैक्शन मोटर लगाई गई है। 16 कोचेज की ट्रेन में पैसेंजर्स के लिए अधिक सुविधाएं व आरामदेह सीटें मौजूद होंगी। एक कोच से दूसरे कोच में जाने के लिए मेट्रो की तरह चौड़ा रास्ता बना है। ये ट्रेन पूरी तरह से एसी होगी। यह पहली ट्रेन होगी जिसमें बाथरूम की सुविधा भी उपलब्ध होगी। ट्रेन का ट्रायल आरडीएसओ की टीम के देखरेख में हो रहा है।

160 किमी की स्पीड से दौड़ेगी ट्रेन

रेलवे के ट्रेन-18 की स्पीड 160 किलोमीटर प्रतिघंटा होगी। ट्रेन में दो क्लास होंगे, एग्जीक्यूटिव व नॉन एग्जीक्यूटिव। एग्जीक्यूटिव क्लास की कुर्सियों को ट्रेन के चलने की दिशा में घुमाया जा सकता है। जबकि नॉन एग्जीक्यूटिव क्लास में सीट का डायमेंशन में कोई बदलाव नहीं होगा। ट्रेन में एरोडायनिमक नोज होगी जिसमें लोको पायलट बैठेगा। ट्रेन 2018 में तैयार हुई है। इसलिए इसका नाम ट्रेन-18 रखा गया है।

प्वाइंट टू बी नोटेड

-जीपीएस सिस्टम से लैस है पूरी ट्रेन

-मेट्रो की तरह आटोमैटिक डोर

-दिव्यांगों के लिए आटोमैटिक रैंप

-कोच में घूमने वाली सीट

-मॉड्यूलर टॉयलेट

-इमर्जेसी टॉकबैक यूनिट

-पेंट्रीकार की सुविधा

-सीसी सिस्टम

-वाईफाई सुविधा

-बाथरूम की सुविधा

यह पहली मेक इन इंडिया ट्रेन होगी जो आगे चल कर शताब्दी एक्सप्रेस को रिप्लेस करेगी। इससे टाइम की बचत होगी।

वीरेंद्र कुमार

एमडी आरडीएसओ