- ई-कॉमर्स कंपनियों से टाईअप करेगा रेलवे

- रोड ट्रांसपोर्ट में लगने वाले टाइम की होगी बचत

- वहीं लंबी दूरी तक भी पहुंचने में नहीं लगेगा वक्त

GORAKHPUR: ऑनलाइन सामान बुक कराया, लेकिन तीन दिन में डिलेवर होने वाला सामान एक हफ्ते बाद पहुंचा। ट्रांसपोर्टेशन में ही पांच दिन का वक्त लग गया। अक्सर ई-कॉमर्स मार्केट के जरिए खरीदे जाने वाले प्रॉडक्ट्स में ऐसी बातें सामने आ ही जाती हैं। एनई रेलवे में फ्राइट लोडिंग काफी कम है, जिसकी वजह से उन्हें इसकी टेंशन रहती है कि कैसे लोडिंग बढ़ाई जाए। वहीं ई-कॉमर्स कंपनीज इस बात की टेंशन में रहती हैं कि उनके सामान टाइमली डेस्टिनेशन तक पहुंच जाएं। इसके साथ ही यूजर्स को भी इस बात की जल्दी रहती है कि उन्होंने जो भी सामान ऑर्डर किए हैं, वह उन्हें टाइमली मिल जाएं। इन तीनों की प्रॉब्लम का सॉल्युशन रेलवे अब पैसेंजर्स को देगा। इसके तहत अब ई-कॉमर्स कंपनीज से टाईअप कर उनके सामानों की डिलेवरी रेलवे के जरिए की जाएगी। इससे जहां इससे रेलवे में लोडिंग बढ़ जाएंगी, वहीं दूसरी ओर डिलेवरी टाइमिंग भी सुधरेगी। इसके साथ ही पैसेंजर्स को टाइमली अपना सामान मिल सकेगा।

ट्रांसपोर्ट मीडियम पर होगी सेंधमारी

कुरियर हो या फिर ई-कॉमर्स कंपनीज के सामान, ज्यादातार रोड ट्रांसपोर्ट के जरिए आते हैं। इसमें ट्रांसपोर्टर्स तभी सामान पहुंचाते हैं, जब वह शहर पहुंचते हैं। लेकिन अगर किसी ट्रांसपोर्टर्स के पास आठ-दस शहरों के सामान हैं, तो वह रुक-रुककर सामान अनलोड करते हुए पहुंचते हैं, जिसकी वजह से सामान पहुंचने में कई बार देर भी हो जाती है। रेलवे इसी लूप होल का फायदा उठाते हुए अब ई-कॉमर्स कंपनीज से बातचीत कर अपनी ओर अट्रैक्ट कर रही है। वहीं जिम्मेदारों का कहना है कि सिर्फ ई-कॉमर्स ही नहीं, बल्कि दूसरे व्यापारी भी चाहें तो रेलवे से टाइअप कर अपनी ट्रांसपोर्ट टाइमिंग को सुधार सकते हैं।

बिजी सीजन चार्ज भी खत्म

व्यापारियों को लुभाने के लिए रेलवे ने एक अक्टूबर से जून के बीच लगने वाला बिजी सीजन चार्ज भी हटा दिया है। यह 15 परसेंट के करीब में लिया जाता था। इससे सामान बुक कराने वालों को सीधे 15 परसेंट का रीबेट मिल रहा है, जिससे कि बिजनेसमैन ने लोडिंग के लिए ट्रेंस के इस्तेमाल को बढ़ा दिया है। इसमें आयरन और पेट्रोलियम से जुड़े सामानों पर छूट नहीं दी गई है। इसके अलावा बाकी आइटम्स की बुकिंग कराने पर लोगों को फायदा मिलेगा। इसके साथ ही कंटेनर ट्रैफिक पर राउंड ट्रिप चार्ज का एलान भी किया गया है, जिससे छोटी दूरी के लिए लगने वाली फीस कम हो जाएगी।

खाली कंटेनर का इस्तेमाल पर छूट

कई बार ऐसा होता है कि रेलवे के रेक भरे हुए आते हैं, लेकिन यह खाली जाते हैं। इसको ध्यान में रखते हुए रेलवे ने खाली कंटेनर और बोगियों के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए रेलवे ने इसमें भी 25 फीसद की छूट दी है। इससे जहां बिजनेसमैन का माह 25 फीसद कम दर में डेस्टिनेशन तक पहुंच जाएगा, वहीं रेलवे को भी खाली रेक के बजाए कुछ लोडेड रेक मिल जाएंगे। विभिन्न कमोडिटीज के मालभाड़े को भी घटा दिया गया है और कंटेनर क्लास रेट और फ्रेट ऑल काइंड रेट में शामिल कर दिया गया है।

वर्जन

एनई रेलवे अब ई-कॉमर्स कंपनीज से टाईअप करेगा। सामानों की डिलेवरी टाइमली हो इसका ख्याल रखा जाएगा। वहीं बिजनेसमैन के लिए कई तरह की छूट का भी प्रावधान किया गया है।

- पंकज कुमार सिंह, सीपीआरओ, एनई रेलवे