-सीएमओ का सर्टिफिकेट होगा मस्ट, सभी को नहीं मिलेगी फैसिलिटी
-एक व्यक्ति को साथ रखना होगा जरूरी, नहीं तो बुक नहीं हो सकेगी डेडबॉडी
-इंफेक्शन से मौत की कंडीशन में भी नहीं मिलेगी परमिशन
GORAKHPUR: गवर्नमेंट हॉस्पिटल में अपनों को खोने का दर्द लिए लोगों को अब दोहरी मुसीबत नहीं होगी. दुनिया से विदाई के बाद आखिरी रस्म के लिए उन्हें अपने घर तक पहुंचने के लिए न तो हजारों रुपए खर्च करने पड़ेंगे और न ही डेडबॉडी को घर तक पहुंचाने के लिए एंबुलेंस या वैन तलाश करनी होगी. रेलवे ने पैसेंजर्स को अपनों के खोने के बाद होने वाली दूसरी टेंशन से आजादी दिलाने की व्यवस्था कर रखी है. इसके तहत अगर किसी के परिजन गवर्नमेंट हॉस्पिटल में हैं और किन्हीं वजहों से वह नहीं बच सके, तो रेलवे उनके परिजन की डेडबॉडी को फ्री ऑफ कॉस्ट पहुंचाएगा. इसके लिए उन्हें कुछ फॉर्मेल्टी कंप्लीट करनी होगी, जिसके बाद वह ट्रेन से डेडबॉडी ले जा सकेंगे.
ट्रेन का स्टॉपेज होना जरूरी
डेडबॉडी को एक शहर से दूसरे शहर तक पहुंचाने के लिए रेलवे तैयार है. इसके लिए यह जरूरी है कि जिस गवर्नमेंट हॉस्पिटल में पेशेंट की मौत हुई है, वहां से ट्रेन चल रही हो और जहां उन्हें जाना है, वहां ट्रेन का स्टॉपेज हो. इस कंडीशन को पूरा करने के बाद गवर्नमेंट हॉस्पिटल के चीफ मेडिकल ऑफिसर की ओर से जारी डेथ सर्टिफिकेट साथ होना जरूरी है. अगर यह कंडीशन पूरी हो रही है, तो संबंधित व्यक्ति इसके लिए अप्लाई कर सकता है.
स्टेशन मैनेजर करेंगे अलाऊ
अगर कोई व्यक्ति यह फैसिलिटी अवेल करना चाहता है, तो इसके लिए उसे संबंधित स्टेशन मैनेजर को अप्लीकेशन देनी होगी. एसएम जरूरी वेरिफिकेशन करने के बाद डेडबॉडी ले जाने के लिए अलाऊ करेंगे. इसके लिए एक शर्त यह भी है कि डेडबॉडी के साथ एक व्यक्ति का होना जरूरी है, जोकि डेडबॉडी को ट्रेन में चढ़ाए और उसे डेस्टिनेशन पर बाहर निकाले. साथ जाने वाले व्यक्ति की फीस संबंधित को देनी होगी. वहीं रेलवे प्रिमाइसिस से लाने-ले जाने के लिए भी उन्हें एक 700 रुपए की रसीद कटवानी होगी, जिसके लिए जीआरपी की काउंटर साइन जरूरी होगी.
यह हैं कुछ शर्ते -
- स्टेशन मैनेजर ही कर सकेंगे अलाऊ
- गवर्नमेंट हॉस्पिटल में ट्रीटमेंट के दौरान हुई हो मौत
- डेडबॉडी के साथ एक व्यक्ति को साथ होना जरूरी
- डेडबॉडी एयरटाइट कॉफिन में होना जरूरी
- इंफेक्शस डिजीज से डेथ होने पर नहीं होगी बुकिंग
वर्जन
डेडबॉडीज को ले जाने के लिए कुछ शर्तो के साथ परमिशन दी जा रही है. इसमें गवर्नमेंट हॉस्पिटल में ट्रीटमेंट कराने वालों के लिए ही यह व्यवस्था है.
- संजय यादव, सीपीआरओ, एनई रेलवे