-रेलवे ने डिसएबिल्टी के लिए सभी एचओडी को लिखा लेटर

-सिर्फ पीडब्ल्यूडी लिखकर चलाना होगा काम, सर्टिफिकेट से होगा वेरिफिकेशन

<-रेलवे ने डिसएबिल्टी के लिए सभी एचओडी को लिखा लेटर

-सिर्फ पीडब्ल्यूडी लिखकर चलाना होगा काम, सर्टिफिकेट से होगा वेरिफिकेशन

GORAKHPUR: GORAKHPUR: फ्लां व्यक्ति हैंडीकैप्ड है। उसकी आंखें नहीं है। तुम किस तरह के विकलांग हो? यह तुम्हें कब से है?' यह कुछ ऐसे सवाल हैं जो दिव्यांगजनों के जख्मों को हर वक्त कुरेदते रहते हैं। उन्हें कोई फैसिलिटी अवेल करनी हो या फिर अपनी फैसिलिटी के लिए कोई पास बनवाना हो। उनकी कमी से जुड़े इतने सवाल पूछ लिए जाते हैं कि वह अपनी इस कमी पर रो देता है और ऊपर वाले को खूब कोसता है। मगर रेलवे में अब ऐसा नहीं होगा। रेलवे के एंप्लाई हैं और उन्हें किसी भी तरह की डिसएबिल्टी है, तो उनके जख्मों को कुरेदा नहीं जाएगा। अब उन्हें सिर्फ 'पर्सन विद डिसएबिल्टी' कैटेगरी में रखा जाएगा। यह डिसएबिल्टी किस तरह की है, इसे मेंशन नहीं किया जाएगा। दिव्यांगजनों के चीफ कमिश्नर के निर्देश के बाद अब रेलवे ने नया सर्कुलर जारी कर दिया है।

हर जगह होता है मेंशन

डिसएबल पर्सन के लिए उनकी डिसएबिल्टी की कैटेगरी हर जगह मेंशन की जाती है। अगर उनका पास भी बनना है तो ऊपर उन्हें किस तरह की डिसएबिल्टी है, इसे मेंशन किया जाता है। हर स्टेप पर उनका वेरिफिकेशन होता है और लोग उनकी कमी से जुड़े वही सवाल बार-बार करते हैं। इससे उनको कई बार बुरा भी लग जाता है। मगर रेलवे के नए रूल में सिर्फ पीडब्ल्यूडी ही मेंशन किया जाएगा। वहीं अगर दिव्यांगों की कैटेगरी पता करनी है तो इसके लिए मेडिकल ऑफिसर की ओर से जारी सर्टिफिकेट से इसे वेरिफाई किया जाएगा। इसका निर्देश सभी जिम्मेदारों को मिल चुका है और उन्होंने इस पर काम भी शुरू कर दिया है।

कंपेनियन के लिए मेडिकल बोर्ड

पीडब्ल्यूडी कैटेगरी में आने वाले रेलवे एंप्लाई को सभी सुविधाएं उसी तरह से मिलती रहेंगी, जिस तरह से मिल रही हैं। अगर दिव्यांग रेलवे एंप्लाई अपने पास के साथ कंपेनियन भी चाहता है तो इसके लिए उसे अप्लाई करना होगा। फिर जांच के लिए मेडिकल बोर्ड बैठेगा, जो यह वेरिफाई करेगा कि इसे पास के साथ कंपेनियन की भी जरूरत है या नहीं, मेडिकल बोर्ड के डिसीजन के बाद ही उसे कंपेनियन की सुविधा मिलेगी।

वर्जन

पर्सन विद डिसएबिल्टी के लिए कुछ चेंजेस किए गए हैं। इसका निर्देश प्राप्त हो चुका है। जो भी निर्देश हैं, उनका अनुपालन कराया जाएगा।

- पंकज सिंह, सीपीआरओ, एनई रेलवे