- 1997 में दिसंबर महीने में हुई थी ऐसी बारिश

- 84.2 एमएम बारिश हुई थी 1997 में एक से 13 दिसंबर तक

- 41 एमएम बारिश हुई गुरुवार रात से शुक्रवार शाम पांच बजे तक

- 19 एमएम तक बारिश का अनुमान शनिवार को

Meerut । वेस्ट यूपी में गुरुवार की रात से शुरु हुई बारिश ने शुक्रवार को सर्दी का एहसास कराया। शुक्रवार को दिनभर आसमान में काली घटाएं छाई रहीें। वहीं दिनभर हुई बारिश से तापमान में गिरावट दर्ज की गई। सर्दी बढ़ने के कारण ठिठुरन बढ़ गई। बारिश के कारण बाजारों में चहल-पहल कम रही। भीषण सर्दी से बचने के लिए लोगों ने अलाव का सहारा लिया।

जलभराव से बढ़ी मुश्किलें

शुक्रवार को दिनभर बादल छाए रहे। यही नहीं दिनभर हुई बूंदाबांदी के कारण सर्दी से लोग ठिठुरते नजर आए। झमाझम बारिश के कारण शहर के कई स्थानों पर लोगों को जलभराव से जूझना पड़ा। सड़कों के आसपास पसरे कीचड़ के कारण वाहन चालकों और राहगीरों को परेशानी से गुजरना पड़ा। कई स्थानों पर जलभराव के चलते घरों में भी पानी भर गया। जिस कारण लोग घरों में कैद हो गए।

गर्म कपड़ों का सहारा

बीते गुरुवार से शुरू हुई बारिश के कारण तापमान में गिरावट दर्ज की गई। साथ ही सर्द हवाओं ने शहरवासियों की कंपकंपी छुड़ा दी। शुक्रवार को आसमान में बादल छाए रहे और शुक्रवार की शाम तक बर्फीली हवाएं चलने से गलन बढ़ गई। शाम के वक्त तक तेज बारिश जारी रही। मौसम वैज्ञानिक डॉ। ए एन सुभाष ने बताया कि गुरुवार की रात से शुक्रवार की शाम तक 41 एमएम बारिश हुई है। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार 22 साल बाद दिसम्बर के महीने में ऐसी बारिश हुई है। इससे पहले 1997 में दिसम्बर में 84.2 एमएम बारिश हुई थी। बारिश ने 22 साल बाद ऐसा रिकॉर्ड तोड़ा है जिससे सर्दी में इजाफा हुआ है।

आज भी बारिश का अनुमान

मौसम वैज्ञानिक डॉ। ए.एन सुभाष ने बताया कि शुक्रवार को अधिकतम तापमान 15 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। जो सामान्य से 8 डिग्री सेल्सियस कम रहा। वहीं न्यूनतम तापमान 9.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। जो नॉर्मल से तीन डिग्री ज्यादा था। यही नहीं शनिवार को आसमान में बादल छाए रहने का अनुमान है। वहीं, आज 19 एमएम बारिश होने की संभावना है। आज का अधिकतम तापमान 18 से 19 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 8 से 9 डिग्री सेल्सियस रहने का अनुमान है। हवा की स्पीड 11 किलोमीटर प्रतिघंटा रहेगी।

गेहूं को मिलेगा फायदा

मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार यह बारिश गेहूं की फसल के लिए वरदान साबित होगी। यही नहीं गन्ने की फसल को भी इस बारिश से फायदा मिलेगा, लेकिन खेतों में पानी भरने से आलू की फसल को नुकसान हो सकता है।

ये कहते है आंकड़े

साल - बारिश एमएम में

1997 84.2

1998 0.0

1999 0.4

2000 0.0

2001 0.0

2002 0.0

2003 0.0

2004 0.0

2005 0.0

2006 0.0

2007 0.0

2008 2.2

2009 0.0

2010 0.0

2011 0.0

2012 25.6

2013 0.0

2014 1.7

2015 0.0

2016 0.0

2017 7.2

2018 0.0

2019 41

22 सालों बाद ऐसी बरसात दिसम्बर में हुई, जिससे रिकॉर्ड टूटा है, आज भी 19 एमएम बारिश होने की संभावना है।

डॉ। एएन सुभाष मौसम वैज्ञानिक

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बारिश से जलभराव, परेशान शहरवासी

फोटो नवीन फोल्डर में

मेरठ। शुक्रवार को एक बार फिर मौसम ने अपना मिजाज बदलते हुए तेज सर्दी का अहसास करा दिया। गुरुवार को शुरु हुई बारिश शुक्रवार दिनभर जारी रही। ऐसे में एक बार फिर शहर की प्रमुख सड़कों से लेकर पुराने शहर की गलियां जलमग्न हो गई। बरसात के पानी के साथ सड़कें कूडे़ से अटी रही। सीवर लाइन ओवरफ्लो होने के कारण गलियों में पानी भरा रहा। राहगीर और वाहन चालक दिनभर कीचड़ और गंदे पानी से परेशान रहे।

पुराने शहर में फिर आफत

गुरुवार देर रात तक चली बारिश शुक्रवार सुबह से दोबारा शुरु हो गई। दिनभर हुई झमाझम बारिश से एक बार फिर शहर के पुराने और संकरे मोहल्लों में बरसात का पानी भर गया। गलियों से लेकर शहर की प्रमुख सड़कों पर पानी के कारण वाहन चालक परेशान हो गए। सबसे अधिक बागपत रोड, पटेल नगर, घंटाघर, भगवतपुरा, मजीदनगर, सूरजकुंड, भैंसाली डिपो, मलियाना, लालकुर्ती आदि मोहल्ले की गलियों को जलभराव से जूझना पड़ा। इस सड़कों पर जगह जगह लगे कूडे़ के ढेर बरसात के कारण सड़क तक फैल गए।

नालों का लेवल भी पार

निगम का दावा था कि बरसात से पहले नालों की पूरी सफाई कर दी जाएगी ताकि शहर में बरसात का पानी गलियों से लेकर मोहल्लों में ना भरे। निगम ने अपना यह दावा काफी हद तक पूरा भी किया लेकिन शहर के सभी प्रमुख नाले इस 24 घंटे की बरसात में उफान पर आ गए। नालों का गंदा पानी जगह जगह सड़क तक पहुंच गया।

सीवर भी हुए ओवर फ्लो

वहीं बरसात का असर शहर की सीवर लाइन पर भी दिखा। शास्त्रीनगर, जागृति विहार, सोमदत्त विहार, दामोदार कालोनी लख्मी विहार आदि क्षेत्रों में सीवर का पानी ओवर फ्लो होकर सीवर से बाहर आ गया। जिस कारण से क्षेत्र के लोग दिनभर परेशान रहे।

बरसात होने के कुछ घंटों तक जलभराव की स्थिति बनी रहती है। लेकिन अधिकतर जगह पर पानी तुरंत उतर गया था। बरसात लगातार जारी है इसलिए सफाई में बाधा भी आ रही है।

- डॉ। गजेद्र नगर स्वास्थ्य अधिकारी