-झेल गया पूरा शहर तो शुरू हुई सड़क, गली और पटरियों की मरम्मत

-पंप लगा कर पानी निकलवाने में लगा रहा नगर निगम एडमिनिस्ट्रेशन

ALLAHABAD: बारिश हुई तो पूरा शहर पानी-पानी हो गया। चारों तरफ जलभराव होने के साथ ही सड़कें व गलियां बैठ गई। इस पूरे सीन में दोषी बारिश नहीं, बल्कि नगर निगम, गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई और एडीए है। जिसने बारिश से पहले पूरे शहर को खोद डाला, जबकि मरम्मत के साथ ही फाइनल टच का काम सितंबर और अक्टूबर में पूरा होना पहले से ही तय है। दो घंटे की पहली बारिश में ही जब पूरा शहर नरक बन गया, तो सड़कों की मरम्मत के साथ ही जलनिकासी व्यवस्था बनाने का काम गुरुवार को युद्ध स्तर पर शुरू हुआ।

हर तरफ एक ही नजारा

बुधवार की देर रात से लेकर गुरुवार की दोपहर तक कुंदन गेस्ट हाउस, अल्लापुर के साथ ही साकेत हॉस्पिटल की तरफ जाने वाली रोड की मरम्मत कराई गई। यह सभी सड़कें बुधवार को बारिश के कारण बैठ गई थीं और गढ्डे में तब्दील हो गई थीं।

बाघम्बरी रोड पर बैरिकेडिंग कर मरम्मत

जीरो रोड, झलवा, कौशांबी रोड, चौफटका, राजरूपपुर, चकिया रोड पर सड़क की मरम्मत का काम देर शाम तक चलता रहा। जहां-जहां भी रोड दब गई, गड्ढे में तब्दील हो गई, वहां जीएसबी कराकर रोड चलने लायक बनाई गई।

नाले पाटने का दुष्परिणाम

इलाहाबाद विकास प्राधिकरण ने सड़क चौड़ा करने के लिए कई सड़कों पर नालों को ही पाट दिया। इसकी वजह से जलनिकासी का रास्ता ही बंद हो गया और भीषण जलभराव हो गया। शहर में जहां भी जलभराव की शिकायत आई, अपर नगर आयुक्त रितु सुहास वहां मोबाइल पंप और पूरी टीम लेकर पहुंच गई। जॉर्जटाउन और टैगोर टाउन में 32 हार्स पॉवर के पांच पंप लगाकर पानी निकलवाया गया। मुंडेरा मंडी के साथ ही ट्रांसपोर्ट नगर में भी पंप लगाकर पानी निकलवाया गया।

60 प्रतिशत सीवर लाइन बिछाने का काम

वर्तमान में चार क्षेत्रों की 208 सड़कों पर सीवर लाइन बिछाने का काम पूरा हो चुका है। करीब 800 किलोमीटर में सीवर लाइन डाली गई है। पुरानी लाइनों की भी सफाई कराई गई है।

206972 भवन हैं शहर में

127000 भवनों में हुए हैं सीवर कनेक्शन

73 हजार भवनों में सीवर कनेक्शन बाकी