-मामला पीयू छात्र संघ चुनाव में खर्च का, सोशल मीडिया पर तस्वीरें कह रहीं कहानी

PATNA: पटना यूनिवर्सिटी में छात्र संघ चुनाव का रिजल्ट आ चुका है अब खर्च का ब्योरा देने की बारी है। जिसमें अभी सभी पीछे हैं। जब चुनाव प्रचार का समय था तब ओपन कार, बाइक रैली, महंगे रेस्टोरेंट में खाना पीना आदि कई प्रकार की एक्टिविटी हो चुकी है। चुनाव से जुडे़ लोगों ने इसकी तस्वीर सोशल मीडिया पर भी शेयर की है। सूत्रों ने बताया कि कोड ऑफ कंडक्ट का जिम्मा संभाल रहे चुनाव पदाधिकारी इस पर नजर रख रहे हैं। जल्द ही खर्च के मनमाफिक तरीके का खुलासा हो जाएगा। हालांकि कार्रवाई से बचने के लिए सभी दल एवं प्रत्याशी छात्रों से चंदा लेने और वालेंटियों के सहयोग से चुनाव कराने की बात कही है।

अब तक एक भी एफिडेविट नहीं

डीन स्टूडेंट्स वेलफेयर डॉ एनके झा ने बताया कि चुनाव सात दिसंबर को था। लेकिन अभी तक किसी भी उम्मीदवार ने इसके लिए अपना खर्च का एफिडेविट नहीं दिया है। खर्च के ब्योरे की जानकारी देने की अंतिम

तिथि 15 दिसंबर है। यदि कोई भी इसमें तय सीमा से अधिक खर्च करते हुए पाया जाता है तो नियमानुसार कार्रवाई होगी।

लाखों खर्च हुए, मामला चिंताजनक

चुनावी खर्च में पानी की तरह पैसा बहाने के मामले पर आम आदमी पार्टी के छात्र विंग नेता एवं पार्टी संरक्षक हिंमाशु कुमार सिंह ने दावा किया कि चुनाव में प्रति कैंडिडेट्स खर्च की सीमा मात्र पांच हजार रुपए है। चुनाव में लाखों खर्च कैसे और कहां हुए यह संज्ञान लिया जाना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि इस प्रकार से छात्र संघ चुनाव को आम चुनाव के तौर पर लिया जा रहा है। यह छात्रों के बीच लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि आखिर बडे़ बडे़ होटलों में खाना पीना और गिफ्ट कूपन आदि बांटना क्या सीमित खर्च सीमा में संभव है। वहीं, आइसा के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य आकाश कश्यप ने कहा कि मनस्ट्रीम पालिटिक्स के शामिल लोगों के हस्तक्षेप से छात्र संघ चुनाव को हाईजैक किया गया है।

कोट ऑफ कंडक्ट का यह रुल है कि जो भी कैंडिडेट निर्धारित खर्च सीमा से अधिक पैसे खर्चे कर चुके हैं उनके उपर नियमानुसार कार्रवाई तय है। इसमें जीते प्रत्याशियों का पद भी जा सकता है।

-डॉ एनके झा, डीन स्टूडेंट्स वेलफेयर