-कनपटी में मारी गोली, ऑफिस से इश्यू कराई थी पिस्टल

-जांच के लिए लैपटॉप और मोबाइल कब्जे में लिया गया

पोस्टमार्टम के लिए मेडिकल कॉलेज भेजा गया
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LUCKNOW : आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) के तेज तर्रार एडिशनल एसपी राजेश साहनी ने मंगलवार को अपने दफ्तर में सरकारी पिस्टल से खुद को उड़ा दिया। आत्महत्या की वजहों से फिलहाल परदा नहीं हटा है, लेकिन वह अपनी छुट्टी के दिन भी ऑफिस आए थे, इसको लेकर कई तरह की चर्चाएं हैं, हालांकि किसी भी अधिकारी ने अभी तक चुप्पी नहीं तोड़ी। चार घंटे की जांच पड़ताल के बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए मेडिकल कॉलेज भेजा गया।

छुट्टी के बावजूद क्यों आए ऑफिस
बिहार के पटना निवासी राजेश साहनी (49)1992 बैच के पीपीएस अधिकारी थे। 2014 से यूपी एटीएस में बतौर एडिशनल एसपी तैनात राजेश अपनी पत्नी सोनी और बेटी श्रेया (21क्) के साथ पुलिस लाइन स्थित ट्रांजिट हॉस्टल में रहते थे। मंगलवार सुबह वह घर से गोमतीनगर के जयपुरिया इंस्टीट्यूट के बगल में स्थित एटीएस दफ्तर पहुंचे थे। इसके बाद पहली मंजिल पर बने अपने केबिन में चले गए, कुछ देर के बाद उन्होंने अपने ड्राइवर मनोज सिंह से अपनी सरकारी पिस्टल मंगवाई। राजेश ने ड्राइवर को एक ऑपरेशन में जाने की बात कहते हुए गाड़ी लगाने के लिए भी कहा। इसके बाद वह ग्राउंड फ्लोर पर केबिन में आकर बैठ गए।

अंदर से लॉक था गेट
कुछ देर में ड्राइवर मनोज सिंह वापस लौटा तो केबिन का दरवाजा अंदर से बंद था। उसने एटीएस दफ्तर में मौजूद अन्य लोगों को बताया। इस बीच लोगों ने बताया कि कुछ देर पहले तेज आवाज सुनाई दी, लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया। दरअसल कैंपस में निर्माण कार्य भी चल रहा है, लोगों को लगा कि इसी की आवाज होगी। मातहत कर्मचारियों ने केबिन से सटे सीए बाबू के ऑफिस का गेट खोलकर अंदर झांका तो बारूद की दुर्गध आ रही थी। फौरन सूचना दफ्तर में मौजूद आईजी एटीएस असीम अरुण व अन्य अधिकारियों को दी गई।

फर्श पर खून से लथपथ पड़े थे
पीछे के दरवाजे से सभी कमरे में पहुंचे तो देखा कमरे में फर्श पर खून से लथपथ राजेश साहनी का शव पड़ा था, पास में ही उनकी सरकारी पिस्टल भी पड़ी थी। सनसनीखेज घटना की सूचना सूचना पुलिस व प्रशासन के आला अधिकारियों को दी गई। एडीजी लॉ एंड ऑर्डर आनंद कुमार, एडीजी क्राइम चंद्र प्रकाश, एडीजी जोन राजीव कृष्णा, आईजी जोन सुजीत पांडेय, एसएसपी दीपक कुमार समेत एटीएस व एनआईए के अधिकारी आनन-फानन पहुंचे।

ऑफिस किया गया सील
छानबीन के लिए फॉरेसिंक टीम को भी बुलाया गया। पुलिस ने उनके ऑफिस को सील कर परिवार वालों को जानकारी दी। जिसके बाद उनकी पत्नी, बेटी और अन्य परिचित एटीएस दफ्तर पहुंच गये। करीब चार घंटे तक पुलिस छानबीन करती रही। शाम करीब चार बजे पुलिस की सुरक्षा के बीच राजेश साहनी के शव को सील कर पोस्टमार्टम के लिए मच्र्युरी भेजा गया।

सरकारी ग्लॉक पिस्टल से मारी गोली
एडीजी लॉ एंड ऑर्डर आनंद कुमार ने बताया कि एएसपी राजेश साहनी ने खुद को सरकारी ग्लॉक पिस्टल से गोली मारकर आत्महत्या की है। आत्महत्या के कारण का पता नहीं चल सका है। पुलिस अपनी तरफ से सभी पहलुओं पर छानबीन कर रही है। परिवार वालों से भी बातचीत की जा रही है। जांच के लिए उनका मोबाइल फोन और लैपटॉप को भी सुरक्षित किया गया है।

ऑफिस आने से अफसर अंजान
एटीएस के आईजी असीम अरूण ने बताया कि एडिशनल एसपी राजेश साहनी ने दो दिन पहले ही अवकाश लिया था। सोमवार को वह आईएसआई एजेंट राजेश सिंह का कोर्ट में बयान दर्ज कराने के लिए गये थे। इसके बाद वह मंगलवार को दफ्तर क्यों आये, इस बारे में किसी को कुछ नहीं पता। एटीएस दफ्तर में मौजूद लोगों ने बताया कि मंगलवार की सुबह राजेश साहनी अपनी पत्नी सोनी से बड़े मंगल के मौके पर एक भंडारे में शामिल होने और उसके बाद दफ्तर जाने की बात कहकर निकले थे।

आखिर अस्पताल क्यों नहीं ले गए
आमतौर पर पुलिस इस तरह की घटना के बाद मौके पर पहुंचकर घायल को सबसे पहले अस्पताल लेकर जाती है। अस्पताल पहुंचने के बाद ही डॉक्टर इस बात की पुष्टि करते हैं कि घायल की मौत हो चुकी है। एटीएस के एडिशनल एसपी राजेश साहनी की मौत के मामले में यह काम पुलिस ने नहीं किया। जिस समय पुलिस के अधिकारी और अन्य लोग वहां पहुंचे तो कमरे को बंद कर दिया गया था। चारों तरफ पुलिस की पट्टी लगाकर रास्ते को ब्लॉक किया गया था।

लगातार बज रहा था मोबाइल फोन
घटनास्थल पर जब पुलिस के अधिकारी पहुंचे तो उस समय राजेश साहनी का मोबाइल फोन बज रहा था। हालांकि किसी ने उनका फोन उठाने की हिम्मत नहीं जुटाई। इस बीच ऐसी चर्चा है कि उनके मोबाइल फोन पर उनकी पत्नी का एक वाट्सअप मैसेज भी आया था।

बेहद बहादुर अफसर थे साहनी
एएसपी राजेश साहनी को जीप की बोनट पर दबंगों द्वारा घुमाने की खबर की चर्चा देशभर में हुई थी। वाक्या वर्ष 2005 का है, उस वक्त मुलायम सिंह यादव प्रदेश के मुख्यमंत्री थे। साहनी सीओ कैसरबाग थे, वे गाडि़यों की चेकिंग कर रहे थे, इसी दौरान वहां आ पहुंची समाजवादी पार्टी का झंडा लगी खुली जीप को उन्होंने रोकने की कोशिश की। लेकिन, खुद को 'लोहिया पुत्र' बताने वाले युवकों ने जीप को नहीं रोका और उन पर जीप चढ़ाने की कोशिश की। राजेश ने खुद को बचाते हुए जीप के बोनट पर छलांग लगा दी। लेकिन, अपने रसूख में चूर युवकों ने राजेश साहनी को बोनट पर बिठाकर आधा शहर घुमा डाला। हालाकि, राजेश साहनी बिना डरे जीप के बोनट पर सवार रहे और आखिरकार उन्होंने उन युवकों को अरेस्ट कर ही लिया।