लेह (एएनआई) । रक्षामंत्री राजनाथ सिंह चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत और आर्मी चीफ जनरल एमएम नरवने शुक्रवार को लेह पहुंचे। रक्षामंत्री दो दिवसीय लद्दाख और जम्मू और कश्मीर के दौरे पर हैं। इस दाैरानभारतीय सेना और आईटीबीपी के जवानों के साथ बातचीत करते समय भारत-चीन सीमा गतिरोध का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा, "सीमा विवाद को हल करने के लिए बातचीत चल रही है लेकिन इसे किस हद तक हल किया जा सकता है इसकी मैं गारंटी नहीं दे सकता। मैं आपको आश्वासन दे सकता हूं, हमारी जमीन का एक इंच भी किसी भी शक्ति द्वारा नहीं लिया जा सकता है। गतिरोध का कूटनीतिक समाधान खोजने पर जोर देते हुए उन्होंने आगे कहा, "अगर बातचीत से कोई समाधान निकाला जा सकता है, तो इससे बेहतर कुछ नहीं है। हाल ही में पीपी 14 पर भारत और चीन की सेनाओं के बीच क्या हुआ, हमारे कुछ कर्मियों ने अपनी सीमा की रक्षा करते हुए अपने प्राणों की आहुति कैसे दी। मैं आप सभी से मिलकर खुश हूं लेकिन सैनिकों को लेकर दुखी हूं। मैं उन्हें अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।

सशस्त्र बल के जवानों के साथ भी बातचीत करूंगा
वह वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) और नियंत्रण रेखा (LOC) दोनों पर स्थितियों का जायजा लेने से पहले आज ट्विटर पर रक्षामंत्री ने लिखा, लद्दाख और जम्मू-कश्मीर की दो दिवसीय यात्रा पर लेह के लिए प्रस्थान। मैं सीमाओं पर स्थिति की समीक्षा करने के लिए आगे के क्षेत्रों का दौरा करूंगा और क्षेत्र में सशस्त्र बल के जवानों के साथ भी बातचीत करूंगा।


रक्षामंत्री से पहले 3 जुलाई को प्रधानमंत्री मोदी लद्दाख गए थे
पाकिस्तान एलओसी के पार से इन दिनों लगातार संघर्ष विराम का उल्लंघन कर रहा है। चीन ने भी हाल के दिनों में भारत और उसके पूर्वी पड़ोसी के बीच तनाव को बढ़ाते हुए लद्दाख क्षेत्र में भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ जारी रखी है। रक्षामंत्री से पहले 3 जुलाई को पीएम नरेंद्र मोदी लद्दाख गए थे। इस दाैरान प्रधानमंत्री ने अपनी यात्रा के दौरान सैनिकों को संबोधित किया था। उन्होंने कहा था लेह, लद्दाख से लेकर सियाचिन और कारगिल और गलवान के बर्फीले पानी तक, हर पर्वत, हर चोटी पर भारतीय सेना की वीरता देखी गई है।
चीन संग हिंसक झड़प में करीब 20 भारतीय सैनिक शहीद हुए
प्रधानमंत्री ने संबाेधन में यह भी कहा कि विस्तार की उम्र खत्म हो गई है। यह विकास की उम्र है। इतिहास ने देखा है कि विस्तारवादी ताकतें या तो हार गई हैं या उन्हें वापस जाने के लिए मजबूर होना पड़ा है। बता दें कि बीते 15 जून को, गलवान में चीनी सेना व भारतीय सेना के बीच झड़प हुई थी। इस हिंसक झड़प में करीब 20 भारतीय सैनिक शहीद हुए थे। इससे दोनों देशों के बीच तनाव पैदा हो गया। चीनी सैनिकों ने बाद में सैन्य स्तर और राजनयिक स्तर के माध्यम से दो देशों के बीच वार्ता के बाद वापस जाना शुरू कर दिया था।

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