पेरिस (पीटीआई)। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह गुरुवार को अपनी तीन दिवसीय यात्रा के बाद फ्रांस से रवाना हो गए हैं। उन्होंने कहा कि इस यात्रा से दोनों देशों को फायदा हुआ है, इससे द्विपक्षीय रक्षा संबंधों को और मजबूती मिलेगी। इसी बीच उन्होंने फ्रांस की कंपनियों से रक्षा उपकरणों के उत्पादन के लिए भारत को अपना बेस बनाने का भी अनुरोध किया। बता दें कि 36 लड़ाकू विमानों में एक राफेल फाइटर जेट मंगलवार को भारत को औपचारिक रूप से फा्रंस की ओर से साैंप दिया गया है। इसी राफेल विमान को रिसीव करने के लिए राजनाथ सिंह पेरिस पहुंचे थे। यहां फ्रांस के एयरबेस पर ही राजनाथ सिंह ने राफेल फाइटर जेट की विधिविधान से पूजा अर्चना की। उन्होंने राफेल जेट पर 'ऊं' लिखा। शस्त्र पूजा के बाद उन्होंने राफेल में उड़ान भी भरी।
फ्रांस की कंपनियां भारत को बना सकती हैं अपना बेस
फ्रांस से निकलने के बाद रक्षा मंत्री ने ट्वीट किया, 'धन्यवाद फ्रांस! यह यात्रा बेहद उत्पादक रही है। इस यात्रा से भारत और फ्रांस के बीच रक्षा सहयोग को और मजबूती मिलेगी। राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, मंत्री फ्लोरेंस पैरी और फ्रांस सरकार को आभार।' बता दें कि बुधवार शाम को सिंह ने फ्रांस के प्रमुख रक्षा उद्योगों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों को संबोधित किया और प्रौद्योगिकी के प्रसार के माध्यम से भारत के शिपयार्ड और रक्षा प्लेटफार्मों को आधुनिक बनाने में सहयोग करने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा, 'फ्रांस की कंपनियां रक्षा उपकरणों के उत्पादन के लिए भारत को अपना बेस बना सकती हैं, इससे उन्हें भारत समेत अन्य देशों में उपकरण के निर्यात में फायदा होगा।'
भारत को मिला पहला राफेल जेट, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पूजन के बाद भरी उड़ान
राकेश भदौरिया के नाम पर RB001 रखा गया
बता दें कि भारत को मिले पहले राफेल का नाम वायुसेना प्रमुख राकेश भदौरिया के नाम पर RB 001 रखा गया है। वहीं रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि फ्रांस ने औपचारिक रूप से लंबे समय से प्रतीक्षित फ्रांस निर्मित विमानों की पहली डिलीवरी की। 68 वर्षीय रक्षा मंत्री ने राजनाथ सिंह ने कहा, हम किसी अन्य देश को धमकाने के लिए हथियार या फिर दूसरे रक्षा साजो सामान नहीं खरीदते हैं बल्कि हम अपनी क्षमताओं को बढ़ाने व रक्षा इकाई को मजबूत करने के लिए इन्हें खरीदारी करते हैं। इसे खरीदने का क्रेडिट पीएम नरेंद्र मोदी को जाता है।
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