श्रीनगर (एएनआई)। लुकुंग से चीन को कड़ा संदेश भेजने के एक दिन बाद रक्षामंत्री राजनाथ सिंह शनिवार को जम्मू और कश्मीर के अमरनाथ गुफा मंदिर गए। उनके साथ चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत और आर्मी चीफ जनरल एमएम नरवने ने भी अमरनाथ के दर्शन किए। रक्षामंत्री दो दिन के लद्दाख और जम्मू और कश्मीर के दौरे पर हैं। वह वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) और नियंत्रण रेखा (LOC) दोनों पर स्थिति का जायजा ले रहे हैं।राजनाथ सिंह में अपनी इस दो दिवसीय यात्रा के पहले दिन शुक्रवार को लद्दाख में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत और आर्मी चीफ जनरल एमएम नरवने के साथ जवानों से बातचीत की।


हमारी एक इंच भी जमीन दुनिया की कोई ताकत नहीं ले सकती
इस दाैरान उन्होंने कहा कि सीमा विवाद को सुलझाने के लिए बातचीत चल रही है लेकिन इसे किस हद तक सुलझाया जा सकता है इसकी मैं गारंटी नहीं दे सकता। मैं आपको आश्वस्त कर सकता हूं कि हमारी एक इंच भी जमीन दुनिया की किसी भी ताकत द्वारा नहीं ली जा सकती है, उन्होंने भारत-चीन गतिरोध का जिक्र किया। गतिरोध का कूटनीतिक समाधान खोजने पर जोर देते हुए उन्होंने आगे कहा कि अगर बातचीत से कोई समाधान निकाला जा सकता है, तो बेहतर कुछ नहीं है। रक्षामंत्री ने कहा कि हाल ही में पीपी14 पर भारत और चीन की सेनाओं के क्या हुआ, हमारे कुछ कर्मियों ने अपनी सीमा की रक्षा करते हुए अपने प्राणों की आहुति कैसे दी।
नियंत्रण रेखा पर संघर्ष विराम उल्लंघन कर रहा पाकिस्तान
राजनाथ ने कहा कि मैं आप सभी से मिलकर खुश हूं लेकिन अपने सैनिकों के कारण दुखी हूं। मैं उन्हें अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। पाकिस्तान लगातार नियंत्रण रेखा पर संघर्ष विराम उल्लंघन कर रहा है और चीन हाल के दिनों में लद्दाख क्षेत्र में भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ कर रहा है। बता दें कि 15 जून को, भारत और चीन के सैनिकों के बीच गलवान में हिंसक झड़प हुई। इस दाैरान 20 भारतीय सैनिक गालवान घाटी में शहीद हो गए थे। इसके बाद से दोनों देशों के बीच तनाव पैदा हो गया। चीनी सैनिकों ने बाद में सैन्य स्तर और राजनयिक स्तर के माध्यम से दो देशों के बीच बातचीत के बाद वापस जाना शुरू कर दिया।

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