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DEHRADUN: मैडम रजनी रावत ने वर्ष 2017 में अपना पूरा निर्वाचन व्यय का लेखा-जोखा जमा कर दिया था. इसके पश्चात वह विधायक और मेयर का चुनाव भी लड़ी. वर्ष 2016 की सूची के अनुसार उनको डिफॉल्टर घोषित किया हुआ है. इस पर आपत्ति करते हुए टयूजडे को रजनी रावत ने अपने सीए को एआरओ के पास भेजा.

114 डिफॉल्टर में है नाम

निर्वाचन आयोग की ओर से लोकसभा चुनाव के एआरओ को वर्ष 2016 में तैयार की गई सूची दी गई है. जिसमें 114 डिफॉल्टर के नाम देते हुए इन्हें वर्ष 2019 तक के लिए चुनाव लड़ने की अनुमति नहीं दी गई है. इसमें रजनी रावत का नाम भी शामिल है. चुनाव आयोग ने कैसे कर दिया, मुझे नहीं पता लेकिन मैं वर्ष 2017 में आय-व्यय का पूरा लेखा जमा कर चुकी हूं. इसके बाद भी दो बार चुनाव लड़ चुकी हूं. इस मामले पर बात की जा रही है.

रजनी रावत, कैंडिडेट, लोकसभा चुनाव

इसलिए कहा डिफॉल्टर
ये ऐसे डिफॉल्टर हैं, जिनके लिए कहा गया है कि इन्होंने अपना लेखा-जोखा ही जमा नहीं किया था. इसी आधार पर इन्हें सूची में शामिल किया गया है. सूची में शामिल जो भी डिफॉल्टर हैं वह फार्म ले जा सकते हैं, आगे की कार्रवाई आगे की जाएगी. हालांकि यदि कैंडिडेट डिफॉल्टर न होने की दावेदारी करता है तो उसकी बात सुनी जाएगी.

एसए मुरुगेशन, डीएम