नई दिल्ली (एएनआई)। राज्यसभा के उप सभापति हरिवंश ने बुधवार को अपना एक दिवसीय उपवास तोड़ दिया है। उन्होंने बीते 20 सितंबर राज्यसभा में कृषि विधेयकों के पारित होने के दौरान कुछ विपक्षी सदस्यों द्वारा किए गए अनियंत्रित व्यवहार का विरोध करने के लिए मंगलवार को यह उपवास शुरू किया था। जनता दल (यू) के सांसद राजीव रंजन सिंह उर्फ ​​ललन सिंह ने उपवास तोड़ने में मदद करने के लिए हरिवंश को जूस की पेशकश की। राज्यसभा के उप सभापति हरिवंश सिंह 36 घंटे से उपवास पर थे। उसने सोमवार रात से कुछ नहीं खाया।

किस रूल बुक में है कि आप उप सभापति को धमकी दे सकते

इस संबंध हरिवंश सिंह ने न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा कि वह राज्यसभा के उपाध्यक्ष के रूप में अपने कर्तव्य का पालन कर रहे हैं। लोकतंत्र में हर चीज की एक निर्धारित प्रक्रिया है और सभी को नियमों के तहत अपनी चिंताओं को उठाने का अधिकार है। अगर विपक्ष या कोई और सोचता है कि वे जो करना चाहते हैं, कर सकते हैं, यह संभव नहीं है। अगर ऐसा होता है कि यह अराजकता होगी। किस रूल बुक में यह लिखा गया है कि आप उप सभापति को धमकी दे सकते हैं। इतना ही नहीं आप लोग उस पर कागजात फेंक सकते हैं।

उप सभापति के प्रति किए गए व्यवहार के बारे में सोचना चाहिए

राज्यसभा से निलंबित हुए सांसदों को उप सभापति के प्रति किए गए व्यवहार के बारे में सोचना चाहिए। उन्हें इस बारे में आत्मनिरीक्षण करने की आवश्यकता है। उप सभापति द्वारा सांसदों को चाय लाने और उनका विरोध करने का इशारा उनकी महानता को दर्शाता है। हरिवंश सिंह ने राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद और उप-राष्ट्रपति वेंकैया नायडू को भी लिखा था कि 20 सितंबर को राज्यसभा में विपक्ष के नेताओं द्वारा दो बिलों के पारित होने के दौरान विरोध प्रदर्शन के कारण वह काफी मानसिक तनाव में आ गए हैं। उस दिन जो हुआ ठीक नहीं हुआ।

वेंकैया नायडू ने सोमवार को जिन 8 सांसदों को निलंबित किया

राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने सोमवार को जिन 8 सांसदों को निलंबित किया है कि वे तृणमूल, कांग्रेस, माकपा और आम आदमी पार्टी के हैं। निंलबित हुए 8 सांसदों में तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन और डोला सेन, आम आदमी पार्टी (आप) के संजय सिंह, कांग्रेस के राजीव सातव, रिपुन बोरा और सैयद नासिर हुसैन, माकपा के केके रागेश और एलाराम करीम शामिल हैं। आरोप है कि इन लोगों को संसद में हंगाम के दाैरान उप सभापति के साथ ठीक व्यवहार नहीं किया था। संसद का मानसून आगामी 1 अक्टूबर को समाप्त हाे जाएगा।

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