नई दिल्ली (एएनआई)। मानसून सत्र का आज रविवार को सातवां दिन रहा। इस दाैरान राज्यसभा में केंद्रीय कृषि मंत्री और किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर द्वारा फार्मर्स एंड प्रोड्यूस ट्रेड एंड कॉमर्स (प्रमोशन एंड फैसिलिटेशन) बिल, 2020 और फार्मर्स (एम्पावरमेंट एंड प्रोटेक्शन) एग्रीमेंट ऑफ प्राइस एश्योरेंस एंड फार्म सर्विसेज बिल, 2020 बिल पेश किए गए। विपक्षी सांसदों के विरोध के बीच दोनों बिल ध्वनि मत से विधेयकों को पारित किए गए। सांसदों ने सदन के वेल में आकर बिलों के खिलाफ नारे लगाए।

राज्यसभा सोमवार को सुबह 9 बजे तक स्थगित

केंद्रीय कृषि मंत्री और किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर विधेयकों का कहना है कि से बिल ऐतिहासिक हैं और किसानों के जीवन में बदलाव लाएंगे। वे देश में कहीं भी अपनी उपज का स्वतंत्र रूप से व्यापार कर सकेंगे। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मैं किसानों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि ये बिल न्यूनतम समर्थन मूल्य से संबंधित नहीं है। हाल ही में ये दोनों विधेयक लोकसभा भी पास हो चुके हैं। इन विधेयकों के पारित होने के तुरंत बाद राज्यसभा को सोमवार को सुबह 9 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया।

सरकार को विधेयकों पर पुनर्विचार करना होगा

वहीं बिल के विरोध में कांग्रेस के सांसद केसी वेणुगोपाल ने रविवार को केंद्र से दो कृषि क्षेत्र के बिलों पर पुनर्विचार करने के लिए कहा और आरोप लगाया कि इसका मकसद कॉर्पोरेट सेक्टर को पुस करना है। यह बहुत स्पष्ट है कि इस सरकार का मकसद हमारे किसानों को खत्म करना और कॉर्पोरेट सेक्टर की मदद करना है। हमारी पार्टी ने कृषि विधेयकों का विरोध करने का फैसला किया है। हमारा विरोध जारी रहेगा। सरकार को विधेयकों पर पुनर्विचार करना होगा, कम से कम उन्हें इसे सेलेक्ट कमेटी को भेजना चाहिए।

फार्मर्स एंड प्रोड्यूस ट्रेड एंड कॉमर्स (प्रमोशन एंड फैसिलिटेशन) बिल, 2020

किसानों के उत्पादन के इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग की अनुमति देता है और कृषि उत्पादों को सीधे ऑनलाइन खरीदने और बेचने की सुविधा के लिए ट्रांजैक्शन प्लेटफार्म स्थापित करने की परमिट देता है। ऐसे में फायदा ये है कि किसान मनचाही जगह पर अपनी फसल बेच सकते हैं।

फार्मर्स (एम्पावरमेंट एंड प्रोटेक्शन) एग्रीमेंट ऑफ प्राइस एश्योरेंस एंड फार्म सर्विसेज बिल , 2020

इस विधेयक के तहत किसी कृषि उत्पाद के उत्पादन या पालन से पहले एक फार्मिंग एग्रीमेंट होगा। कृषि उपज की खरीद के लिए भुगतान की जाने वाली गारंटी प्राइज का जिक्र इस एग्रीमेंट में किया जाएगा। ऐसे में किसान कृषि उत्पादों को प्रायोजकों को आसानी से बेच सकेंगे।

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