15 अगस्त को एक साथ मनेगा स्वत्रंतता दिवस और रक्षा बंधन

शुभ मुहुर्त सुबह साढ़े सात से दोपहर सवा बारह बजे तक

VARANASI

रक्षाबंधन पर 4 साल बाद ऐसा संयोग बन रहा है, जिसमें भद्रा का साया नहीं पड़ रहा है। ऐसे में पूरे दिन बहनें भाई को राखी बांध सकेंगी। इसके अलावा 15 अगस्त को स्वत्रंतता दिवस और रक्षा बंधन एक साथ मनाया जाएगा। यह भी अच्छा संयोग है। काशी के विद्वानों के अनुसार रक्षाबंधन पर कई शुभ संयोग बन रहे हैं। इस बार भद्रा का साया नहीं होने से दिनभर राखी बांधने के लिए मुर्हूत रहेगा। रक्षाबंधन पर श्रवण नक्षत्र, सौभाग्य योग, बव करण के साथ सूर्य कर्क राशि में और चंद्रमा मकर राशि में होने से रक्षाबंधन को बेहद खास बना रहे हैं।

राहु काल में न बांधे राखी

पंडित ऋषि द्विवेदी ने बताया कि सूर्योदय से शाम के 5 बजकर 58 मिनट तक राखी बांधी जा सकेगी। सूर्योदय के बाद भी धनिष्ठा नक्षत्र लगने की वजह से बहनें राखी बांध सकेंगी। राहु काल दोपहर डेढ़ बजे से लेकर 3 बजे तक रहेगा। इस समय बहनें राखी बांधने से बचें। शुभ मुहुर्त सुबह साढ़े सात बजे से दोपहर सवा बारह बजे तक रहेगा। ज्योतिषाचार्य राजा पांडेय ने बताया कि भद्रा के समय कोई भी शुभ कार्य करना वर्जित माना गया है। इसलिए भद्रा काल में राखी नहीं बांधी जाती, लेकिन इस बार बहनें सूर्यअस्त होने तक किसी भी समय राखी बांध सकती हैं। रक्षाबंधन के चार दिन पहले ही गुरु मार्गी होकर सीधी चाल चल रहे हैं। श्रवण नक्षत्र, सौभाग्य योग, बव करण के साथ सूर्य कर्क राशि में और चंद्रमा मकर राशि में होंगे। ये सभी शुभ संयोग मिलकर इस बार रक्षाबंधन को खास बना रहे हैं।