कानपुर (इंटरनेट डेस्क)। Raksha Bandhan 2021:रक्षाबंधन हिंदुओं के प्रमुख त्योहारों में से एक है। यह हिंदू चंद्र कैलेंडर के श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। इस वर्ष यह 22 अगस्त 2021 को मनाया जाएगा। इस त्योहार का नाम संस्कृत से लिया गया है, जिसका शाब्दिक अर्थ सुरक्षा या दायित्व का बंधन है। रक्षाबंधन भाई-बहन के प्यार और एक-दूसरे की देखभाल के लिए समर्पित है और यह भाई और बहन के बीच कर्तव्य और बंधन का प्रतीक है। रक्षाबंधन पर बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधती हैं और उनकी समृद्धि, स्वास्थ्य और कल्याण के लिए प्रार्थना करती हैं। इस बीच, बदले में, भाई बहनों की रक्षा करने के वादे के साथ बहनों को उपहार देते हैं।

पूरे दिन किसी भी टाइम पर अपने भाई को राखी बांध सकती

मान्यता है कि राखी शुभ मुहूर्त में ही बांधनी चाहिए। इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए कि राखी बांधते समय भद्रा न हो। भद्रा में राखी बांधना शुभ नही होता है। हालांकि इस वर्ष रक्षाबंधन का त्योहार और भी शुभ है क्योंकि इस दिन काेई भद्राकाल नही है। ऐसे में बहने पूरे दिन किसी भी टाइम पर अपने भाई को राखी बांध सकती हैं लेकिन कुछ समयावधि में विशेष योग बन रहे हैं। रक्षाबंधन पर सुबह 06 बजकर 15 मिनट से सुबह 10 बजकर 34 मिनट तके तक शोभन योग रहेगा। फिर दोपहर 01 बजकर 42 मिनट दोपहर से शाम 04 बजकर 18 मिनट तक राखी बांधना सबसे शुभ रहेगा।

भगवान, वामन अवतार लेकर राजा बलि से भिक्षा मांगने पहुंचे

शास्त्रों में रक्षाबंधन से जुड़ी कई कथाओं का जिक्र किया गया है। इसमें एक कथा यह है कि राजा बलि ने जब 100 यज्ञ पूर्ण कर स्वर्ग का राज्य छीनने का प्रयास किया तो देवराज इंद्र ने भगवान विष्णु से प्रार्थना की। भगवान, वामन अवतार लेकर राजा बलि से भिक्षा मांगने पहुंचे। इस दाैरान भगवान ने तीन पग में आकाश, पाताल और धरती नापकर राजा बलि को रसातल में भेज दिया। ऐेस में यहां राजा बलि ने भक्ति के बल पर भगवान को रात-दिन अपने सामने रहने का वचन ले लिया। इस पर माता लक्ष्मी ने श्रावण मास की पूर्णिमा पर राजा बलि के पास जाकर उन्हें रक्षासूत्र बांधकर अपना भाई बनाया। इस पर बलि ने भेंट में उनके पति को वापस भेज दिया।

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