डाॅ. त्रिलोकीनाथ (ज्योतिषाचार्य और वास्तुविद)। Raksha Bandhan 2021 श्रावण माह की पूर्णिमा को रक्षाबंधन का त्यौहार मनाया जाता है। भाई-बहन के बीच भावनात्मक एवं पवित्र बंधन के रुप में राखी का त्यौहार मनाया जाता है। इस दिन बहन भाई की कलाई में रक्षसूत्र बांधती है। भाई संकल्प लेता है कि बहन के मान-सम्मान एवं किसी तरह की परेशानी आने पर उसकी सदैव रक्षा करता रहेगा। रक्षसूत्र का मतलब होता है आपसी संबंध को रागात्मक बनाना। एक दूसरे के प्रति सच्ची निष्ठा से सहयोग एवं शुभ भावना से जुड़े रहना। वहीं रक्षाबंधन का सूत्र अर्थात राखी अब सोने-चांदी की भी बनने लगी है लेकिन कच्चे धागे का बना रक्षा-सूत्र सबसे पवित्र माना गया है। इसलिए अगर सोने-चांदी की राखियां बांध रहे हैं तो उनके साथ कच्चे धागे का बना रक्षा-सूत्र या फिर रेशम का सूत्र जरूर बांधें। इससे भाई की उम्र लंबी होने के साथ ही दोनों के रिश्ते में भी मजबूती आएगी।

सांस्कृतिक सरोकारों में रक्षाबंधन बहुत ही महत्वपूर्ण

यह त्यौहार भाई-बहन के अलावा अपने दोस्तों ईष्ट मित्रों को भी रक्षासूत्र बांधकर मनाया जाता है। घर के बड़े बुजुर्गों, माता-पिता को भी रक्षासूत्र बांधकर उनके प्रेम एवं आशीर्वाद की कामना की जाती है। रक्षाबंधन से जुड़ी यह कहानी काफी प्रचलित है कि एक बार रानी पद्मवती ने हुमायूं को राखी भेजकर अपने राज्य की सुरक्षा के लिए सहयोग मांगा था। हमारे सांस्कृतिक सरोकारों में रक्षाबंधन का त्यौहार बहुत ही महत्वपूर्ण है। भाई-बहन एवं सगे संबंधियों को आपस में जोड़ने और उनके भावनात्मक संबंधों को स्थितिरता प्रदान करने वाला त्यौहार है। रक्षबंधन एक दूसरे के प्रति कर्तव्य को भी जगाने वाला त्यौहार है।

बहन भाई के दीर्घायु होने की कामना करती

इस त्यौहार पर मुख्य रूप से बहनें भाई को टीका लगाती है रक्षासूत्र बांधती है। बहन भाई का मुख मीठा करती है। भाई बहन को उपहार देता है। बहन भाई के दीर्घायु एवं धनधान्य से संपन्न होने की कामना करती है। यह त्यौहार हमारे पारिवारिक एवं सामाजिक जीवन को दृढ़ता प्रदान करता है मन के कलुश को दूर करता है। आपसी कर्तव्य बोझ को जगाता है भारतीय सांस्कृतिक एवं हिन्दू समाज के लिए यह पवित्रतम त्यौहार माना गया है। देश-विदेश जहां भी भारतीय है बढ़-चढ़कर त्यौहार मनाते है। भाई-बहन एक दूसरे को याद करते है।

Raksha Bandhan 2021: 22 अगस्त को है रक्षाबंधन, जानें राखी बाधंने का शुभ मुहुर्त