सुबह 10.30 बजे भद्रा समाप्त होते ही शहर में छाई खुशियां, हर तरफ त्योहार की धूम

ALLAHABAD: भाई बहन के अटूट प्रेम का त्योहार रक्षाबंधन सोमवार को धूमधाम और उल्लास के साथ मनाया गया। हालांकि त्योहार पर भद्रा का असर भी दिखाई दिया। सूर्योदय से लेकर सुबह 10.30 बजे तक भद्रा की वजह से मिठाई की दुकानों से लेकर राखी की खरीदारी को लेकर मार्केट में भीड़ नहीं रही लेकिन भद्रा समाप्त होते ही शहर के एक छोर से लेकर दूसरे छोर तक रौनक छाई रही। त्योहार के शुभ मुहूर्त पूर्वान्ह 11.05 बजे से लेकर दोपहर 1.52 बजे तक कही भाई अपने बहनों के घर जाते दिखे तो कही बहनें पूजन सामग्री लेकर भाईयों के घरों पर पहुंची। बहनों ने अक्षत व तिलक लगाकर भाईयों की आरती उतारी और प्यार की डोर को और अधिक मजबूत किया। भाईयों ने भी यथा संभव अपनी बहनों को गिफ्ट देकर रक्षा व सुरक्षा का वादा किया।

समरसता की भावना का त्योहार

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की ओर से रक्षाबंधन महोत्सव को समरसता दिवस के रूप में मनाया गया। प्रयाग संगीत समिति में आयोजित समारोह में संघ के अखिल भारतीय सह प्रचार प्रमुख नरेन्द्र कुमार ने कहा कि रक्षाबंधन वास्तव में सामाजिक समरसता और नारी के सम्मान का पर्व है। यह कहना पूरी तरह से गलत है कि चित्तौड़ की रानी कर्णावती द्वारा हुमायूं को रक्षा सूत्र भेजने से यह पर्व शुरू हुआ। इस पर्व का इतिहास वैदिक काल से जुड़ा हुआ है। महोत्सव के दौरान स्वयंसेवकों ने एक-दूसरे को रक्षा सूत्र बांधकर पर्व की बधाई दी। विभाग संघ चालक रामशिरोमणि, विधायक हर्षवर्धन बाजपेई, सह प्रांत प्रचारक मनोज जी, सांसद विनोद सोनकर आदि मौजूद रहे।