RANCHI: रक्षा बंधन के अवसर पर राजधानी रांची का मिठाई बाजार सजकर तैयार है। इस बार मिठाई में मोतीचूर के लड्डू, खीरकदम, परवल मिठाई, चमचम, राजभोग तो हैं ही साथ ही त्योहार को लेकर काजू की बर्फी की डिमांड ज्यादा है। ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि रक्षा बंधन के मौके पर सिटी में करीब तीन करोड़ रुपए की मिठाई का कारोबार हो सकता है। राजधानी का मिठाई बाजार पूरी तरह से सजधज कर तैयार है। दुकानों में रक्षा बंधन को लेकर विशेष पैकेट भी तैयार किए गए हैं।

इन आउटलेट में रहेगी भीड़

राजस्थान कलेवालय, कावेरी लालपुर, उदय मिष्ठान भंडार, चुरूवाला अपर बाजार, रंगोली स्वीट्स-पिस्कामोड़, पंजाब स्वीट्स, बिन्दु स्वीट्स कोकर चौक, छप्पनभोग, भोलू भाई-कडरू आदि मिठाई की दुकानों में मिठाई की कई नई वैराइटीज मिल रही हैं।

क्या कहते हैं दुकानदार

रक्षा बंधन में ज्यादातर काजू की बर्फी की डिमांड रहती है। साथ-साथ लड्डू व अन्य मिठाइयां भी उपलब्ध हैं। रक्षा बंधन भाई-बहन के अटूट बंधन का पर्व है। इसलिए क्वालिटी का खास खयाल रखा जाता है।

- सुमीत, रंगोली स्वीट्स

नकली मिठाई की निगरानी नहीं

इन दिनों राजधानी में एक भी फूड इंस्पेक्टर नहीं है। जिनकी यहां नियुक्ति की गई है उनमें से एक गुलाब लकड़ा को देवघर में श्रावणी मेला में प्रतिनियुक्ति पर भेज दिया गया है, जबकि दूसरे फूड इंस्पेक्टर केपी सिंह रिटायर हो चुके हैं। मतलब साफ है कि इस बार रक्षा बंधन में नकली मिठाइयों पर नकेल कसने के लिए जिला प्रशासन के पास कोई भी सक्षम पदाधिकारी नहीं है। गुलाब लकड़ा ने बताया कि वे विगत 20 दिनों से देवघर में तैनात हैं।

16 वर्षो के बाद बन रहा शुभ संयोग

डॉ स्वामी दिव्यानंदजी महाराज के अनुसार, 16 वर्षो के बाद इस बार रक्षा बंधन पर शुभ संयोग बना है, जिसमें किसी भी प्रकार का दोष नहीं है। उन्होंने बताया कि प्राय: भद्रा दोष प्रत्येक वर्ष रहता है, परंतु इस वर्ष सुबह 3 बजकर 10 मिनट पर भद्रा दोष समाप्त हो रहा है यानी कि सूर्याेदय के पूर्व भद्रा दोष समाप्त हो जाएगा। उन्होंने कहा कि शनिवार दोपहर 2 बजकर 27 मिनट से पूर्णिमा लग चुकी है जो कि रविवार शाम 4 बजकर 17 मिनट तक रहेगी। किन्तु उदय तिथि के दृष्टिकोण से सारा दिन पूर्णिमा है। अत: रक्षा बंधन सुबह से शाम तक हो सकता है। उन्होंने कहा कि सर्वार्थसिद्धि योग भी है जिससे इसका महत्व और ज्यादा बढ़ जाता है। इसलिए राखी को विधिपूर्वक भगवान को समर्पित करें। कुमकुम, अक्षत और राखी बांधकर आरती उतारें।