एक घंटे बाद आए स्टूडेंट्स
रिपोर्टिंग टाइम 9.30 बजे था और एग्जाम 10 बजे शुरू हुआ। स्टूडेंट्स को यह पता था, फिर भी कितने भी जतन करने के बाद 10-11 बजे के बाद ही पहुंचे, तब तक तो उनके नाम के आगे एबसेंट का क्रॉस लग गया था। इस संबंध में पीएन एंग्लो हाई स्कूल की प्रिंसिपल चंचला कुमारी ने बताया कि कई स्टूडेंट्स एक घंटे बाद आए, तब तक हम उन्हें एबसेंट कर चुके थे। पटना हाई स्कूल के प्रिंसिपल विश्वेश्वर प्रसाद ने बताया कि पिछले दो हफ्ते में एक से दो स्टूडेंट्स एबसेंट हुए थे, पर अब इस एग्जाम में तो हद हो गई। फस्र्ट सीटिंग में तो जैसे-तैसे स्टूडेंट्स सेंटर तक पहुंच गए, पर सेकेण्ड सींटिंग में बहुत सारे स्टूडेंट्स का एग्जाम छूट गया। शास्त्रीनगर ब्वॉयज हाई स्कूल के प्रिंसिपल विष्णु लाल ने बताया कि फस्र्ट सीटिंग की तुलना में सेकेण्ड सीटिंग में स्टूडेंट्स की संख्या काफी कम रही। हालांकि कई स्टूडेंट्स लेट से आए, पर तब तक बहुत लेट हो चुकी थी।

रात में ही आ गए थे
सिटी में आठ एग्जाम सेंटर बनाए गए थे, जिसमें दोनों सीटिंग में 3744-3744 एग्जामिनिज को पार्टिसिपेट करना था। हालांकि फस्र्ट सीटिंग में 1006 एवं सेकेंड सीटिंग में 1289 एग्जामिनिज अब्सेंट रहे। मसौढ़ी के टिंकू कुमार की सिस्टर पिंकी का सेंटर गवर्नमेंट गल्र्स हाई स्कूल, सिटीकोर्ट के पास था। भीड़ से बचने के लिए उसने अपनी बाइक पर जदयू का झंडा लगाया और बेखौफ होकर सेंटर पहुंच गया। उधर, मुजफ्फरपुर के बंकुल के मुकेश, दरधा के सुनील तथा यूनिवर्सिटी कैंपस का रहने वाला प्रत्युष तीनों शनिवार की रात घर से निकल गए। वे लोग रात भर हाजीपुर में रहे और सुबह-सुबह ऑटो से गायघाट पहुंचे।

50 लाख ने भरा था फॉर्म
एसएससी एग्जामिनेशन के मैट्रिक लेवल पीटी एग्जाम के लिए पूरे देश में 50 लाख स्टूडेंट्स ने फॉर्म भरा था। इतनी संख्या होने के कारण एग्जाम को तीन फेज में लिया गया। दो फेज पिछले हफ्ते हो चुके हैं। तीसरे फेज में पटना में लगभग 50 हजार स्टूडेंट््स को एग्जाम देना था.