- -श्री त्रिवटी नाथ मंदिर में चल रही श्री राम कथा के तीसरे दिन गुरु दीक्षा की हुई कथा

BAREILLY:

श्री त्रिवटीनाथ मंदिर में चल रही राम कथा में मंडे को कथा मर्मज्ञ प्रेम भूषण महाराज ने गुरु दीक्षा के महत्व के बारे में श्रद्धालुओं को जानकारी दी। अखिल भारतीय श्री राधा माधव संकीर्तन मंडल की ओर से आयोजित कथा का शुभारंभ रघुनाथ कपूर, डॉ.प्रमेंद्र माहेश्वरी, अनिल अरोड़ा, राजेन्द्र, संजय, पंकज अग्रवाल, वीरेन्द्र खंडेलवाल व मनोज साबू ने कथा मर्मज्ञ प्रेम भूषण महाराज का स्वागत करके किया।

गुरूकुल पहुंचे श्री राम

महाराज ने बताया किश्रीराम जब बडे़ हुए तो उनका यज्ञोपवीत संस्कार हुआ। प्रभु भाइयों सहित गुरुकुल पढ़ने गए। थोड़े ही समय में सभी विद्याओं में निपुण हो गए। इस दौरान 'गुरु गृह गए पढ़न रघुराई, अल्पकाल विद्या सब आई', 'मेरा जीवन तेरे हवाले प्रभु जी पल-पल तू ही संभाले', भजनों की मनोहारी प्रस्तुति दी गई। कथा मर्मज्ञ ने कहा, माता-पिता बचपन से ही बच्चों में संस्कार भरने शुरू कर दें। भगवान का नाम लेकर काम शुरू किया काम अवश्य पूर्ण होता है। बच्चों पर अपने विचार पर थोपें नहीं बल्कि उनका मार्गदर्शन करें। इससे बच्चों की प्रतिभा निखरते देर नहीं लगती।

चतुराई नहीं सहज रहिए

कथा वाचक प्रेम भूषण ने कहा कि धर्म और आध्यात्म ही भारत का अतिविशिष्ट स्वरूप है। भजन और सुमिरन स्वयं को खुद करना पड़ता है। निष्ठा में चतुराई नहीं बल्कि सहजता रखनी चाहिए, जिससे भगवान ही नहीं भौतिक सामग्री भी प्रभावित होती है। प्रेम के बिना परमात्मा नहीं मिलते। जीवन में जब परमात्मा का भाव उतरता है तो श्रद्धालु भक्ति में लीन हो जाते हैं। कथा में युधिष्ठिर मलिक, चमन लाल वर्मा, रामस्वरूप खनिजों, शिव कुमार, गिरधर गोपाल, रमेश खनिजों व मीडिया प्रभारी जगदीश भाटिया व अन्य मौजूद रहे।