कानपुर (इंटरनेट डेस्क)। Ram Navami 2023 : भगवान राम अयोध्या के राजा दशरथ और रानी कौशल्या के पुत्र थे। हिंदू शास्त्रों के मुताबिक "रामनवमी" के दिन ही भगवान राम का जन्म हुआ था। अयोध्या में जन्में भगवान राम ने मानव जीवन को सही मार्ग दिखाने के लिए तमाम आदर्श प्रस्तुत किए हैं। रामनवमी उन सभी बातों को याद रखने और जीवन में अपनाने का दिन है।

भगवान विष्णु का सातवां अवतार
भगवान राम को भगवान विष्णु के 10 अवतारों में 7वां अवतार माना जाता है। भगवान राम से पहले, भगवान विष्णु अवतार मत्स्य (मछली), कूर्म (कछुआ), वराह (सूअर), नरसिम्हा (मनुष्य और शेर), वामन (बौना) और परशुराम हैं। वहीं बाद के अवतारों में कृष्ण, बुद्ध और कल्कि अवतार हैं।

सबसे पुराने मानव देवता
भगवान राम को मानव रूप में पूजे जाने वाले सबसे पुराने देवता के रूप में जाना जाता है, क्योंकि भगवान राम का जन्म त्रेता युग में हुआ था। माना जाता है कि त्रेता युग आज से 1,296,000 साल पहले समाप्त हो गया है। त्रेता युग में भगवान राम के अलावा भगवान विष्णु ने वामन और परशुराम के रूप में अवतार लिया।

भगवान सूर्य के वंशज भगवान राम
भगवान राम का जन्म "इक्ष्वाकु" वंश में हुआ था, जिसकी स्थापना भगवान सूर्य के पुत्र "राजा इक्ष्वाकु" ने की थी। इसीलिए भगवान राम को "सूर्यवंशी" भी कहा जाता है।

भगवान विष्णु का 394वां नाम "राम" है
विष्णु सहस्रनाम नाम की पुस्तक में भगवान विष्णु के एक हजार नामों की सूची है। इस सूची के अनुसार, "राम" भगवान विष्णु का 394वां नाम है।

भगवान राम का नामकरण
भगवान राम का नाम रघुवंशियों के गुरु महर्षि वशिष्ठ ने रखा था। वशिष्ठ के अनुसार, राम शब्द दो बीजाक्षर (बीजाक्षर), "अग्नि बीज" और "अमृत बीज" से बना है। ये अक्षर मन, शरीर और आत्मा को शक्ति प्रदान करते हैं।

राम नाम का तीन बार उच्चारण हजारों देवताओं के स्मरण के समान
महाभारत में उल्लेख मिलता है कि एक बार भगवान शिव ने कहा था कि तीन बार राम के नाम का पाठ करने से हजार देवताओं के नामों के उच्चारण के बराबर की कृपा मिलती है। आपको जानकर हैरानी होगी कि ध्यान में भगवान शिव ने भी भगवान राम का ही नाम लिया।

14 साल का वनवास बदला था
एक कहानी के अनुसार, जब भगवान राम एक छोटे बच्चे थे, तो उन्होंने गलती से अपने खिलौने से मंथरा के कुबड़े पर चोट कर दी थी। इस घटना से उत्तेजित होकर उसने अपना बदला लेने के लिए कैकेयी को अपने मोहरे के रूप में इस्तेमाल किया और भगवान राम को 14 साल के वनवास पर भेज दिया।

गिलहरी की सफेद धारिया
लंका पहुंचने और अपनी पत्नी सीता को बचाने के लिए, भगवान राम को समुद्र के पार एक पुल का निर्माण करना पड़ा। छोटी गिलहरी ने मदद करने का फैसला किया। इस दाैरान राम उसकी दयालुता के कार्य से द्रवित हो गए और उन्होंने गिलहरी को उठाया, उसकी पीठ को सहलाकर आशीर्वाद दिया। तभी से सफेद-काली धारियों को उनकी उंगलियों के निशान माना जाता है।

भगवान राम का राज्यकाल
भगवान राम ने ग्यारह हजार वर्षों तक अयोध्या राज्य पर शासन किया। इस सुनहरे काल को "राम राज्य" के नाम से जाना जाता है।

भगवान राम द्वारा समाधि लेना
ऐसा माना जाता है कि जब सीता ने पृथ्वी में समाहित होकर अपने शरीर का त्याग किया तो राम ने सरयू नदी में जल समाधि लेकर पृथ्वी का परित्याग कर दिया।
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