अयोध्या, 2 अप्रैल (आईएएनएस)Ram Navami in Ayodhya 2020: राम जन्मभूमि पर फैसला आने के बाद अयोध्या में इस साल रामनवमी के अवसर पर भव्‍य समारोह की योजना बनाई गई थी, लेकिन घातक कोरोनावायरस के प्रकोप ने सब कुछ रोक दिया है। गुरुवार को रामनवमी के दिन अयोध्या जब नींद से जगा तो खाली सड़कों, सरयू के वीरान घाटों और सुनसान मंदिरों का नजारा दिखाई दे रहा था। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने एक भव्य राम मंदिर के निर्माण के लिए रास्ता साफ कर दिया था और उसी के लिए ट्रस्ट की स्थापना की गई थी और राम जन्मभूमि स्थल पर मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त करने के लिए मानस भवन में राम लला की मूर्ति को भी एक नए ढांचे में स्थानांतरित कर दिया गया है। फिलहाल कोरोना के डर और उसके बाद के लॉकडाउन ने सभी समारोहों को स्थगित कर दिया है।

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अयोध्‍या में सख्‍ती से लागू है लॉकडाउन

बता दें कि अयोध्‍या में लॉकडाउन को सख्ती से लागू किया गया है। किसी को भी बेवजह घर से बाहर निकलने की अनुमति नहीं है। इस कारण शहर के अधिकांश घरों में 'नवरात्रि' के अंतिम दिनों में अनिवार्य रूप से होने वाले कन्‍या पूजन के कार्यक्रम नहीं हो सके। लड़कियों को उनके माता-पिता द्वारा घरों से बाहर निकलने की अनुमति नहीं मिली, क्‍योंकि सभी लेाग घातक महामारी से सावधान हैं। अयोध्‍या में करीब 7 दशकों से निवास करने वाले 78 साल के रामचंद्र श्रीवास्तव बताते हैं कि कोरोना के कारण यहां कोई नहीं आया। फोन पर बातचीत के दौरान उन्‍होंने बताया कि 'मैंने कभी शहर को इतना उजाड़ नहीं देखा है - तब भी नहीं जब दंगे हुए थे।

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मंदिरों के भीतर हो रही आरती और लोग घरों की बाल्‍कनी से उसे सुन रहे

रामचंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि आज अयोध्‍या में सभी मंदिर सार्वजनिक रूप से बंद हैं, हालांकि अंदर 'आरती' हो रही है। हम 'आरती' की आवाज़ सुन सकते हैं लेकिन बाहर नहीं जा सकते। पुलिस आज ज्‍यादा सतर्क है। लॉकडाउन से ठीक पहले, राज्य सरकार ने इस पावन शहर की सीमाओं को सील कर दिया था और संतों ने सभी भक्तों से नवरात्रि और राम नवमी के दौरान अयोध्या नहीं आने की अपील की थी। यहां तक कि स्थानीय लोगों को भी सरयू के घाटों पर जाने और पवित्र डुबकी लगाने की परमीशन नहीं मिली। केवल विभिन्न मंदिरों के पुजारियों को सरयू स्‍नान की अनुमति मिली है। एक स्थानीय दुकानदार ने बताया कि राम नवमी से पहले, सआदतगंज और देवकली में इंट्रेस प्‍वाइंट्स पर बैरिकेड्स लगा दिए गए थे। हनुमान गढ़ी के एक जूनियर पुजारी ने कहा कि किसी को भी इस बात की उम्‍मीद नहीं थी कि राम नवमी इस तरह से मनाई जाएगी। खैर यह ईश्वर की इच्छा है और हम इसका पालन करते हैं। उन्‍होनें कहा हमें उम्मीद है कि चीजें जल्द ही सामान्य हो जाएंगी और हम यह जश्‍न धूमधाम से मनाएंगे।

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