सुप्रीमकोर्ट में 21 मार्च को तीन जजों के पीठ की टिप्पणी के बाद आम सहमति को लेकर नई पहल

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने 30 अप्रैल को बुलाई है संत महात्माओं की बैठक

ALLAHABAD: रामजन्मभूमि विवाद को लेकर वर्षो से असमंजस की स्थिति बनी हुई है। अब इस मसले पर सुप्रीमकोर्ट की ओर से अदालत के बाहर आम सहमति बनाने संबंधी टिप्पणी का असर दिखाई देने लगा है। यही वजह है कि देश में संत-महात्माओं की सबसे बड़ी संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने भूमि विवाद के मसले को लेकर नई पहल की है। परिषद के अध्यक्ष नरेन्द्र गिरि ने हिन्दू और मुस्लिम धर्म गुरुओं के बीच सहमति को लेकर 30 अप्रैल को इलाहाबाद में अखाड़ा परिषद की बैठक बुलाई है।

21 मार्च के बाद बदली फिजा

सुप्रीमकोर्ट में 21 मार्च को रामजन्मभूमि विवाद को लेकर भाजपा सांसद डॉ। सुबह्माण्यम स्वामी ने पीठ से जल्द सुनवाई की मांग की थी। पीठ में चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया जेएस खेहर, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और संजय किशन कौल शामिल हैं। डॉ। स्वामी की मांग पर पीठ ने इसे संवेदनशील और आस्था से जुड़ा बताते हुए आम सहमति से हल निकालने को कहा था। इसके बाद अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेन्द्र गिरि ने सभी 13 अखाड़ों के श्रीमहंतों की बैठक बुलाने का निर्णय लिया है।

एजेंडे में सिर्फ मंदिर निर्माण

अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष की ओर से बुलाई बैठक से मंदिर निर्माण को लेकर एक नई राह खुल सकती है। नरेन्द्र गिरि की मानें तो इस मसले के मुख्य पैरोकार स्व। हाशिम अंसारी ने उनसे खुद आम सहमति बनाने की बात कही थी। विवाद पर आम सहमति को लेकर बैठक में क्या प्रस्ताव पारित होगा। यह तो भविष्य के गर्त में है लेकिन परिषद अध्यक्ष मई के दूसरे सप्ताह में मुस्लिम धर्मगुरुओं से वार्ता करेंगे। इसके लिए नरेन्द्र गिरि संत-महात्माओं के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ लखनऊ जाकर मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के पदाधिकारियों से वार्ता करेंगे।

जूना अखाड़े में होगी बैठक

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की बैठक 30 अप्रैल को जूना अखाड़े के इलाहाबाद स्थित मुख्यालय में होने जा रही है। इसके लिए देशभर के सभी 13 अखाड़ों के श्रीमहंतों और सचिवों को सूचना भेज दी गई है।

अखाड़ा परिषद का मानना है कि रामजन्मभूमि विवाद का समाधान आम सहमति से हो सकता है। सुप्रीमकोर्ट की टिप्पणी के बाद हम एक प्रयास करने जा रहे हैं। सभी अखाड़ों की बैठक 30 अप्रैल को बुलाई गई है। इसके बाद मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के पदाधिकारियों से मिलकर उन्हें बैठक में लिए फैसले से अवगत कराया जाएगा।

नरेन्द्र गिरि, अध्यक्ष अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद