मुंबई(पीटीआई)लॉकडाउन के दौरान घर पर ही पूरा वक्‍त बिता रहे दर्शकों का Ramayan, शक्तिमान, व्‍योमकेश जैसे क्लासिक कार्यक्रमों द्वारा जोरदार मनोरंजन करके दूरदर्शन (डीडी) ने बाकी चैनल्‍स को पीछे छोड़ दिया है। 3 अप्रैल को पूरे हुए हफ्ते के लिए Doordarshan भारत में सबसे ज्यादा देखा जाने वाला चैनल बन गया है। ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल (BARC) के मुताबिक राष्ट्रीय चैनल दूरदर्शन ने एकदम से कमाल कर दिया है, शाम और सुबह के बैंड में इसके दर्शकों की संख्या में लगभग 40,000 प्रतिशत का जबरदस्‍त उछाल आया है। हालांकि इस अवधि में प्राइवेट चैनल्‍स की व्यूअरशिप भी काफी बढ़ी बताई जा रही है।

लौटे DD National के पुराने दिन

हिंदू पौराणिक कथाओं की श्रृंखला Ramayan, Mahabharat से शुरू करके, डीडी को Shaktimaan, byomkesh bakshi और बुनियाद जैसे अन्य क्लासिक्स भी मिल गए हैं, जो तीन सप्ताह के लॉकडाउन के दौरान दर्शकों के लिए उपलब्‍ध हैं। इनमें से ज्यादातर का निर्माण तब हुआ जब देश में टीवी प्रसारण पर डीडी का एकाधिकार था। BARC ने दूरदर्शन के उभरने के लिए रामायण और महाभारत के टेलीकास्ट को जिम्मेदार ठहराया, जबकि अन्य कार्यक्रमों ने भी चुनिंदा समय स्लॉट में अपनी स्थिति को बेहतर बनाने में मदद की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पिछले रविवार को रात 9 बजे लाइट बंद करने की अपील का यह असर हुआ कि 2015 के बाद से उस टाइम सेगमेंट में सबसे कम टीवी देखा गया। उस वक्‍त लैंप जलाने की घोषणा करने वाले उनके भाषण को देखने वाले दर्शक बहुत कम थे।

सन टीवी ने भी पुराने कार्यक्रमों से बटोरे दर्शक

दक्षिण भारतीय टीवी चैनल सन टीवी द्वारा पुराने क्‍लासिक प्रोग्राम को दिखाने की रणनीति भी काफी काम आई और चैनल को जमकर दर्शक मिले। इसी तरह से हिंदी के कई जनरल इंटरटेनमेंट चैनल्‍स द्वारा पुराने क्‍लासिक्‍स प्रोग्राम्‍स को दिखाने से उनकी व्यूअरशिप में भी काफी उछाल आया। रिपोर्ट के मुताबिक पिछले हफ्ते ही तुलना में टीवी व्यूअरशिप करीब 4 परसेंट बढ़ी, जबकि कोरोना और लॉकडाउन के पहले ही अवधि की तुलना में टीवी व्यूअरशिप में करीब 43 परसेंट की बढ़त दर्ज हुई।

समाचार और मूवी चैनल्‍स की व्यूअरशिप में अब तक की सबसे तेज उछाल

बार्क की इस रिपोर्ट में सामने आया है कि पिछले हफ्ते में देश में समाचार और मूवी चैनल्‍स की व्यूअरशिप में अब तक का सबसे तेज उछाल आया है। यही नहीं मूवी चैनल्‍स ने हिंदी जनरल इंटरटेनमेंट चैनल्‍स को पीछे छोड़ दिया है।

स्‍पोर्ट्स चैनलों को भी मिले ज्‍यादा दर्शक

इस रिपोर्ट में एक और दिलचस्प बात सामने आई है कि किसी भी नए खेल आयोजन के न होने के बावजूद स्‍पोर्ट्स चैनलों के लिए दर्शकों की संख्या 21 प्रतिशत बढ़ गई है। इसके पीछे कारण यह है कि इस दौरान उन्होंने भारत के पुराने और फेमस विनिंग क्रिकेट मैच और डब्ल्यूडब्ल्यूई के मैच प्रसारित किए थे।

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