रांची: एक अगस्त से रामगढ़ की आधा दर्जन से ज्यादा स्टील फैक्ट्रियां बंद हो जाएंगी। झारखंड सरकार से मिलने वाली बिजली की दर अधिक होने और लागातार बिजली की किल्लत झेलने से परेशान हो जाने के बाद फैक्ट्रियों के संचालकों ने फैक्ट्रियों को बंद करने का निर्णय लिया है। जिमखाना क्लब में आयोजित झारखंड स्टील फर्निशिंग की बैठक के बाद इसकी आधिकारिक घोषणा कर दी गयी।

काम बंद करने का नोटिस

गुरुनानक फेरो एलॉय, वैष्णवी फेरा टेक, ग्लोब स्टील, मैहर स्टील, मथुरा एलॉय, टीएनटी और चिंतपुरनी स्टील ने अपने प्लांट को बंद करने का नोटिस लगा दिया है। साथ ही बिजली बोर्ड को प्लांट का कनेक्शन काटने के लिए आवेदन भी करना शुरू कर दिया है। फैक्ट्री संचालकों के इस कदम से रामगढ़ में करीब पांच हजार कामगार सीधे बेरोजगार हो जाएंगे, वहीं करीब 25 हजार लोग इससे अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित होंगे।

डेढ़ सौ करोड़ का राजस्व नुकसान

एक साथ आधा दर्जन से ज्यादा फैक्ट्रियों के बंद हो जाने से अकेले रामगढ़ जिले से राज्य सरकार को करीब डेढ़ सौ करोड़ का नुकसान होगा। इसमें जीएसटी, इनकम टैक्स समेत सरकार की ओर से लिये जाने वाले विभिन्न शुल्क शामिल हैं। इसके अलावा हर महीने में बिजली बिजली बिल के रूप में होने वाली कमाई भी बंद हो जाएगी।

30 लाख का मासिक नुकसान

बैठक में मौजूद वैष्णवी फेरो टेक के संचालक राधेश्याम अग्रवाल ने कहा कि मुख्यमंत्री झारखंड सरकार को स्टील उद्योग के संचालकों ने करीब चार महीने पहले अपनी समस्याओं से अवगत कराया था। यहां झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड से बिजली लेने पर फैक्ट्रियों को प्रति यूनिट 05 रुपये 50 पैसे की दर से भुगतान करना पड़ रहा है, जबकि डीवीसी से होनी वाली आपूर्ति में बिजली का दर 02 रुपये 95 पैसा ही है। इस हिसाब से प्रति यूनिट फैक्ट्री को करीब दो रुपये का नुकसान उठाना पड़ रहा है। जो महीने में करीब 30 लाख रुपये एक फैक्ट्री को पड़ता है। सारी समस्या से अवगत होने के बाद मुख्यमंत्री की ओर से आने वाले समय में उद्योगों के लिए राहत देने का आश्वासन दिया गया था, लेकिन चार महीने गुजर जाने के बाद भी उन्हें कोई राहत नहीं मिली। स्टील उद्योग बिजली को अपने रॉ मैटिरियल के रूप में शामिल करती है। ऐसे में लगातार हो रहे घाटे ने उनकी कमर तोड़ दी है।

एसोसिएशन से जुड़ी हैं 55 फैक्ट्रियां

झारखंड स्टील फर्निशिंग एसोसिएशन से पूरे झारखंड में करीब 55 फैक्ट्रियां जुड़ी हुई हैं। राधेश्याम अग्रवाल ने बताया कि धीरे-धीरे प्रदेश भर में तमाम फैक्ट्रियां जहां जहां झारखंड बोर्ड से बिजली ली जाती है उसे बंद कर दिया जाएगा। जमशेदपुर और रामगढ़ में इसकी शुरुआत हो चुकी है।

डीवीसी से बिजली लेने वाली कंपनियां चलेंगी

जिले में कुछ फैक्ट्रियां डीवीसी से बिजली लेकर अपने प्लांट को चला रही है। ऐसे फैक्ट्रियों पर इस फैसले का कोई असर नहीं पड़ेगा। इस संबंध में रुंगटा ग्रुप के अधिकारी ने बताया कि उनकी फैक्ट्रियों के फर्नेश डीवीसी की बिजली से चलती है, फिलहाल उनके प्रबंधन ने इस संबंध में कोई फैसला नहीं लिया है। उनकी फैक्ट्रियों का काम फिलहाल पूर्ववत चलता रहेगा।