-अकीदत के साथ निकला गिलीम के ताबूत का जुलूस

-सुबह काजमैन स्थित कूफे वाली मस्जिद से निकला जुलूस

LUCKNOW: इमाम हजरत अली की शहादत के मौके पर 19वीं रमजान का जुलूस पूरी अकीदत के साथ निकला। मरसियागो हैदर रजा की इस सदा के साथ 'जख्मी हुआ इमाम तुम्हारा नमाज में, जालिम ने रोजेदार को मारा नमाज में' की सदा के साथ गिलीम का ताबूत सुबह पांच बजे काजमैन स्थित कूफे वाली मस्जिद से निकला।

सुबह चार बजे कूफे वाली मस्जिद में मोअज्जिन ताहिर जाफरी ने अजान दी। अजान के बाद नमाज अदा की गई और नमाज के बाद मौलाना मिर्जा मोहम्मद अशफाक ने मजलिस को खिताब किया। मौलाना ने हजरत अली पर हमले की मंजर कशी बयान की। जिसे सुन अजादार जारो कतार रोने लगे।

अकीदत के साथ निकला जुलूस

मजलिस के बाद गिलीम का ताबूत का जुलूस निकाला गया। यह जुलूस शिया यतीम खाने, मंसूर नगर तिराहे, गिरधारी लाल इंटर कालेज, टूरियागंज, नक्खास, शिया कॉलेज होता हुआ सुबह लगभग सात बजे पाटानाला स्थित मोहम्मद तकी जैदी के अजाखाने पर पहुंचा, जहां ताबूत को महिलाओं के सुपुर्द कर दिया गया। पाटानाला पर या अली मौला हैदर मौला की सदाओं के साथ में हजारों की तादात में अजादारों ने मातम किया। मातम के बाद मौलाना मीसम जैदी ने अलविदाई मजलिस को खिताब किया और हजरत अली की शहादत बयान की। जुलूस के बाद मोहम्म्मद तकी जैदी के अजाखाने में पूरे दिन लोगों ने ताबूत की जियारत कर दुआएं मांगी। इस ताबूत की जियारत 21वीं रमजान की सुबह तक कराई जाएगी।

जारी रहा मजलिसों का दौर

हजरत अली की शहादत के मौके पर मंगलवार को पूरे दिन मजलिसों का दौर चलता रहा। इफ्तार के बाद दोबारा मजलिसों का दौर भी शुरू हो गया था। रौज-ए-फातमैन में रात में एक के बाद एक कई मजलिसों का आयोजन किया गया। पड़ाइन की मस्जिद में देर रात महिलाओं की ओर से मजलिस का आयोजन किया गया। अली का ताबूत मस्जिद में ही उठाया गया। यहां सुबह तक ताबूत की जियारत कराई गई। वहीं पूरे दिन घरों, मस्जिदों और इमामबाड़ों में मजलिसों का सिलसिला चलता रहा। संडे को 21वीं शब का आमाल भी मस्जिदों में कराया जाएगा। 21 रमजान की सुबह पुराने लखनऊ में मोहम्मद तकी जैदी के इमामबाड़े से जुलूस निकलेगा, वहीं शाम को शाहनजफ इमामबाड़ा कैंपस में जुलूस निकाला जाएगा।