RANCHI:सिटी में बहुरूपिया गरीबों की भरमार हो गई है। गरीबों की वेश में छुपे इन अमीरों की तलाश तेज कर दी गई है। कार्ड सरेंडर की संख्या में कमी देखकर डीसी राय महिमात रे ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए ऐसे लोगों को चिन्हित कर उनके खिलाफ ठोस कार्रवाई करने के निर्देश जारी किए हैं। राजधानी के म्यूनिसिपल एरिया में ब्लॉक एरिया के मुकाबले सबसे ज्यादा गरीब बसे हुए हैं। जिला प्रशासन द्वारा जारी राशन कार्ड प्राप्त करने वाले लाभुकों की लिस्ट ने यह खुलासा किया है। पूरे रांची जिला में सबसे ज्यादा लाल कार्डधारी और पीला कार्डधारी रांची नगर निगम क्षेत्र में बसे हुए हैं, जहां जमीन की कीमत अब आसमान छू रही है। इस खुलासे के बाद जिला प्रशासन के अधिकारी भी हैरत में हैं कि गांवों में खेती करने और जैसे-तैसे भरण-पोषण करने वाले गरीबों की संख्या से ज्यादा शहर की भीड़-भाड़ वाली सुविधाजनक जीवन जीने वाले लोगों के बीच बसे गरीबों की कैसे है?

आरएमसी में 4 लाख लाभुक

आंकड़े बताते हैं कि रांची नगर निगम क्षेत्र में लाल कार्डधारी लोगों की संख्या 95603 है, जिनके लाभुक सदस्यों की संख्या करीब 4,12,325 है। वहीं पीला (अंत्योदय) कार्डधारी 20248 है जिसके लाभुक सदस्य 73,785 हैं। कुल 1,15,851 कार्ड जारी किए गए हैं, जिनसे 4,86,110 लोग लाभान्वित हो रहे हैं।

बुंडू में सबसे कम गरीब

बुंडू ब्लॉक में मात्र 3598 लाल कार्ड जारी किए गए हैं, जिनसे 14182 सदस्य लाभान्वित हो रहे हैं। जबकि मात्र 2 लोगों को अंत्योदय पीला कार्ड दिया गया है, जिनका लाभ 6 सदस्यों को मिल रहा है। बुंडू में कुल 3600 कार्ड बांटे गए हैं, जिनसे 14188 लोगों को लाभ मिल रहा है।

बढ़ रही आबादी, महंगी हुई लाइफस्टाइल

रांची की आबादी लगातार बढ़ रही है। 2011 सर्वे के अनुसार, करीब 11 लाख की शहरी आबादी आज बढ़कर 18 लाख के करीब हो गई है। साथ ही साथ लगातार जमीन, फ्लैट के दाम आसमान छूने लगे हैं। लाइफ स्टाइल महंगी हो रही है, इसके बावजूद सबसे ज्यादा गरीबों की संख्या नगर निगम क्षेत्र में होना बड़ा सवाल खड़ा कर रहा है।

जांच के दायरे में नगर निगम क्षेत्र

फर्जी कार्डधारियों को कार्ड सरेंडर करने का अवसर कई बार दिया गया, लेकिन कार्ड सरेंडर नहीं किए गए। ऐसे में नगर निगम क्षेत्र में सबसे ज्यादा कार्डधारियों का होना संदेह के घेरे में है। अधिकारियों को आशंका है कि कई लोगों ने फर्जी तरीके से कार्ड प्राप्त कर लिया है, जिन्हें सरेंडर कर देना चाहिए।

दिव्यांग व असाध्य रोग पीडि़त के लिए अंत्योदय कार्ड

अंत्योदय कार्डधारियों को देश के किसी भी हिस्से में स्वास्थ्य लाभ नि:शुल्क प्राप्त होता है, इसलिए जिला प्रशासन का प्रयास है कि ज्यादा से ज्यादा दिव्यांगों व असाध्य रोग पीडि़तों को इसका लाभ प्राप्त हो सके। ऐसे में फर्जी कार्डधारियों द्वारा कार्ड ले लेने के कारण कई दिव्यांगो और मरीजों को कार्ड नहीं प्राप्त हो पा रहा है।

वर्जन

नगर निगम क्षेत्र में सबसे ज्यादा गरीबों का होना अपने आप में कई सवाल खड़े कर रहा है। लोगों ने पैरवी, रसूख या अन्य फर्जीवाड़े के जरिए कार्ड हासिल कर लिया है या वास्तविकता में गरीबों की संख्या इतनी ज्यादा हो गई है यह जांच का विषय है। जिला प्रशासन मामले पर नजर बनाए हुए है।

नरेन्द्र गुप्ता, डीएसओ, रांची