RANCHI:शहर के बाजार, मैरेज-बैंक्वेट हॉल और फास्ट फूड के स्टॉल पर प्लास्टिक व थर्मोकॉल के प्लेट-ग्लास पर सख्त रोक लगेगी। नगर आयुक्त मनोज कुमार ने फिलहाल लोगों से थर्मोकोल का उपयोग खुद बंद करने की अपील की है। लेकिन, इस दिशा में नगर निगम जल्द ही ठोस निर्णय लेकर आदेश जारी करने की तैयारी में है। नगर आयुक्त ने लोगों से अपील की है कि कागज या पत्ता या मिट्टी से बने बर्तन का ही प्रयोग करें। इससे पर्यावरण को क्षति पहुंचाने वाले प्लास्टिक व थर्मोकॉल का प्रयोग अपने आप बंद हो जाएगा। पॉलीथीन कैरीबैग पर रोक को सपोर्ट करने के लिए अब जल्द ही लोगों के बीच कपड़े के थैले भी बांटे जाएंगे। पार्षदों के सहयोग से भीड़भाड़ वाले इलाको में ये थैले बांटे जाएंगे।

नालियां और गटर हो रहे जाम

पॉलीटेक्निक स्टूडेंट्स द्वारा कराए जाने वाले सर्वे से पहले ही इस बात की जानकारी मिली है कि अधिकतर नालियां प्लास्टिक और थर्मोकोल के जमा होने के कारण जाम हो जाती हैं। इसलिए प्लास्टिक और थर्मोकोल के उत्पादन, बिक्री और इस्तेमाल पर पूर्ण प्रतिबंध की तैयारी की जा रही है। यह प्रतिबंध जल्द ही लागू कर दिया जाएगा। प्रतिबंधित प्लास्टिक और थर्मोकोल का उल्लंघन करने वालों को 3 महीने की जेल और 25 हजार रुपये तक जुर्माने की सजा हो सकती है।

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थैली-ग्लास-प्लेट-चम्मच सब बंद

निगम के आदेश के बाद प्लास्टिक से बनाई जाने वाली थैलियों, थर्मोकोल और प्लास्टिक से बनने वाली डिस्पोजेबल सामग्री भी इस कानून के दायरे में आएंगी। इसमें प्लास्टिक की थाली, कप, प्लेट, ग्लास, कांटा चम्मच, कटोरी, स्ट्रॉ, कटलरी, स्प्रेड शीट्स, प्लास्टिक पाउच के इस्तेमाल पर पूरी तरह बैन लग जाएगा। प्लास्टिक के उत्पादन, इस्तेमाल, संग्रह, वितरण, थोक या फुटकर बिक्री आयात पर संपूर्ण बैन होगा।

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पानी और दूध रहेंगे बैन से बाहर

बोतल बंद पानी पर अभी पाबंदी नहीं लगाई जाएगी। पानी की बोतलों के लिए एक रुपए और दूध की थैलियों के लिए 50 पैसे का पुनर्खरीद मूल्य निर्धारित किया गया है। दूध डेयरी, वितरक और विक्रेताओं के लिए थैलियां वापस खरीदना अनिवार्य होगा। पानी की बोलतों के उत्पादकों, विक्रेताओं और वितरकों को भी पुनर्खरीद की व्यवस्था करनी होगी।

वर्जन

शहर में पाल्यूशन का लेवल काफी बढ़ रहा है। यह सोशल प्रॉब्लम ज्यादा है, इसलिए लोगों को खुद प्लास्टिक, थर्मोकोल जैसे पदार्थो से बने सामानों का त्याग करना चाहिए। इनसे बीमारी भी काफी होती है।

-मनोज कुमार, नगर आयुक्त, रांची