RANCHI: झारखंड की राजधानी रांची अब अपराधियों की राजधानी बनती जा रही है। यही कारण है कि अपराधी पुलिस को खुली चुनौती देते हुए क्राइम को अंजाम दे रहे हैं। रांची पुलिस की नाक के नीचे एक से बढ़ कर एक गिरोह बन रहे हैं। आए दिन हत्या, अपहरण, लूट, डकैती, चोरी, छिनतई जैसी वारदातें हो रही हैं। इसे रोकने में पुलिस लगातार विफल साबित हो रही है। शहर के विभिन्न इलाकों में तैनात पीसीआर वैन भी चोरी रोकने में फेल हो रहे हैं।

दर्जनों चोरी, कुछ का ही खुलासा

रांची पुलिस द्वारा अपराधियों को पकड़ने के लिए कई टीमों का गठन किया जा चुका है। लेकिन, छोटे-छोटे अपराधियों को पकड़ने में ही पुलिस ने सफलता पाई है। बड़े-बड़े अपराधी अभी भी पुलिस की गिरफ्त से दूर हैं। जनवरी, फरवरी, अप्रैल में रांची में चोरी, डकैती, छिनतई, लूट की लगभग एक दर्जन से अधिक वारदातें हुई हैं। लेकिन पुलिस कुछ का ही उद्भेदन पाई है।

दहशत में शहरवासी

ऐसे में रांची वासियों को डर सता रहा है कि क्या वे यहां सुरक्षित हैं। बीते दो माह में रांची में चोरी का ग्राफ बढ़ा है। चोरों ने लगभग विभिन्न थाना क्षेत्रों में चोरी की वारदातों को अंजाम दिया है। चोरों ने लगभग ब्0-भ्0 लाख रुपए से अधिक नकदी समेत संपत्ति उड़ाई है।

ताक पर डीजीपी का आदेश

डीजीपी ने पहले ही आदेश दिया था कि जिन थाना क्षेत्रों में आपराधिक वारदातें होंगी, उसकी जवाबदेही उस थाना प्रभारी की होगी। यह भी कहा था कि रात में थाना प्रभारी थाना में ही रहें। लेकिन अब पुलिस के बड़े अधिकारी थाना का निरीक्षण भी नहीं करते हैं। ऐसे में लोगों की सुरक्षा कैसे होगी? इस पर संशय बरकरार है।