- किशोर के फोन से ही पिता को की गई थी कॉल

- 30 लाख रुपये की मांगी गई थी फिरौती

- तीन किडनैपर समेत साजिशकर्ता रिश्तेदार अरेस्ट

- घटना में प्रयुक्त वैन, एक तमंचा और सात मोबाइल फोन बरामद

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LUCKNOW: 30 लाख की फिरौती, 27 पुलिसकर्मी और 10 घंटे में अपहरण का केस सॉल्व। ठाकुरगंज में फिरौती के लिए किशोर के अपहरण की सूचना मिलने पर एक्टिव हुई लखनऊ पुलिस की कई विंग्स ने एक साथ काम किया और नतीजा सामने था। इस किडनैपिंग केस में पुलिस ने न केवल बच्चे को सुरक्षित बचाया बल्कि तीनों किडनैपर्स को अरेस्ट करने के साथ घर के भेदी को भी पकड़ लिया, जिसने पूरी साजिश रची थी।

इरफान के फोन से की थी कॉल
एसपी पूर्वी सर्वेश कुमार मिश्र ने बताया कि ठाकुरगंज के भूहर गांव निवासी मुश्ताक अली का बेटा इरफान (14) शनिवार की दोपहर करीब एक बजे घर से साइकिल से मीट लेने के लिए बुद्घेश्वर चौराहे गया था। इसके बाद वह लापता हो गया। शाम करीब पांच बजे तक इरफान वापस घर नहीं लौटा। काफी देर होने पर परिजनों ने इरफान की तलाश शुरू की। कुछ ही घंटे के बाद इरफान के मोबाइल फोन से मुश्ताक के पास एक कॉल आई। कॉल करने वाले ने मुश्ताक से 30 लाख रुपये की फिरौती की मांग की। फिरौती की रकम न देने पर इरफान को जान से मारने की धमकी भी दी।

लावारिस हालत में िमली साइकिल
फिरौती की कॉल आने के बाद परिवार में कोहराम मच गया। इसकी सूचना ठाकुरगंज पुलिस को दी। किडनैपिंग और तीस लाख की फिरौती की जानकारी मिलने पर ठाकुरगंज पुलिस के साथ क्राइम ब्रांच और सर्विलांस सेल की टीम ने छानबीन शुरू कर दी। इस बीच अपहृत इरफान की साइकिल बुद्घेश्वर चौराहे के पास लावारिस हालत में मिली। वहीं सर्विलांस की मदद से छानबीन करने पर पुलिस को इरफान की लोकेशन उन्नाव मिली

सीसीटीवी और सर्विलांस से मिली लोकेशन
एसपी पश्चिम विकास चंद्र त्रिपाठी ने बताया कि सर्विलांस की मदद से बच्चे की लोकेशन सबसे पहले उन्नाव मिली। पुलिस ने जब बुद्धेश्वर के पास लगे सीसीटीवी कैमरे चेक किए गए तो वैन सवार उन्नाव निवासी जावेद और रेहान नजर आए। पुलिस ने उन्नाव पुलिस से संपर्क किया। कुछ ही घंटे के बाद अपहृत इरफान की लोकेशन चेक की गई तो लोकेश ठाकुरगंज के बरी रोड जंगल के पास मिली। इसके बाद पुलिस, क्राइम ब्रांच और सर्विलांस सेल की टीम ने घेराबंदी करते हुए मारुति वैन सवार तीन किडनैपर को अरेस्ट कर इरफान को बरामद कर लिया। किडनैपर्स की पहचान उन्नाव हसनगंज निवासी जावेद, रेहान और अचलगंज निवासी दिनेश यादव के रूप में हुई। पुलिस ने उनके पास से एक तमंचा और सात मोबाइल फोन बरामद किए।

भांजा था साजिश रचने वाला
इरफान की किडनैपिंग का प्लान उसके ममेरे भाई ने बनाया था। पकड़े गए आरोपियों ने बताया कि इरफान के अपहरण की साजिश उसके पिता मुश्ताक के भांजा भूहर गांव निवासी रियाज अहमद ने रची थी। पुलिस ने आरोपी रियाज को भी गिरफ्तार कर लिया।

किराये पर लाये थे वैन
एसपी पूर्वी सर्वेश मिश्रा ने बताया कि पकड़ा गया आरोपी जावेद और साजिशकर्ता रियाज आपस में रिश्तेदार हैं। अपहरण के लिए जावेद ने पड़ोसी गांव के रहने वाले एक व्यक्ति से 12 सौ रुपये में मारुति वैन बुक की थी।

बहाने से ले गए थे इरफान को
इरफान ने बताया कि शनिवार की दोपहर जब वह मीट लेकर वापस लौट रहा था तो रास्ते में रेहान और जावेद ने उसको रोक लिया। दोनों ने उसे मीट की दुकान का पता पूछा तो उसने दुकान का पता बता दिया। इस पर आरोपी इरफान को अपने साथ वैन से मीट की दुकान दिखाने के बहाने से बुलाकर ले गए और फिर उसे लेकर दिनेश के घर लेकर पहुंचे।

कारोबारी के बेटे के किडनैपिंग का बनाया था प्लान
इंस्पेक्टर ठाकुरगंज अंजनी पांडेय ने बताया कि पकड़े गये आरोपी शार्टकट में रुपये कमाना चाहते थे। इसके लिए साजिशकर्ता रियाज ने कुछ समय पहले ठाकुरगंज इलाके में रहने वाले एक कारोबारी के बेटे के अपहरण का प्लान बनाया था। आरोपियों ने कारोबारी के बेटे के अपहरण के लिए रेकी भी की थी। बाद में प्लान कैंसिल कर दिया था।

जमीन के रुपये देख बढ़ी लालच
ई रिक्शा चालक मुश्ताक रोज कमाने और खाने वाला मामूली सा चालक है। बावजूद इसके किडनैपर्स ने उसके बेटे का अपहरण कर 30 लाख रुपये की फिरौती मांगी इस पर पुलिस भी काफी हैरान थी। पुलिस ने जब छानबीन की तो पता चला कि मुश्ताक ने कुछ समय पहले गांव में ही अपनी जमीन बेची थी और इसके बदले उसको काफी रुपये मिले थे। इस बात की जानकारी मुश्ताक के भांजे रियाज को थी। कारोबारी के बेटे के अपहरण का प्लान कैंसिल कर रियाज ने इरफान के अपहरण की स्कीम बनाई। उसने इरफान की डिटेल आरोपी जावेद और रेहान को दी।

ड्रामा करता रहा रियाज
किशोर इरफान के अपहरण में साजिश रचने वाला रियाज अपहरण की घटना में शामिल नहीं था। इरफान के गायब होने के बाद रियाज परिजनों के साथ इरफान की तलाश का नाटक करता रहा। सिर्फ इतना ही नहीं आरोपी परिवार और पुलिस की हर गतिविधि की जानकारी भी किनडैपर्स को दे रहा था।

बेटे को सुरक्षित देख नम हो गई आंखे
इरफान के गायब होने के बाद जब उसके पिता के पास फिरौती की कॉल आई तो परिवार में कोहराम मच गया। मां और भाई बहन का रो रोकर बुरा हाल था। पूरा परिवार पुलिस वालों से एक ही मिन्नत कर रहा था कि किसी भी तरह उसके बेटे को पुलिस बचा लें। जब पुलिस ने तीन किडनैपर्स को अरेस्ट कर इरफान को सुरक्षित बरामद कर उसके परिवार वालों के हवाले किया तो बेटे को सलामत देख पिता मुश्ताक और मां के आंखों में खुशी के आंसू भर गए।

10 घंटे और 27 पुलिसकमीर् ने बचाया
इरफान के अपहरण की सूचना पर एक्टिव हुई लखनऊ पुलिस के 27 पुलिसकर्मियों ने 10 घंटे के भीतर न केवल इरफान को सुरक्षित बचाया बल्कि अपहरण करने वालों को भी गिरफ्तार कर लिया। टीम में ठाकुरगंज इंस्पेक्टर अंजनी पांडेय, सर्विलांस सेल प्रभारी धर्मेश शाही, स्वॉट टीम प्रभारी संतोष अवस्थी, एंटी डकैती प्रभारी राजीव द्विवेदी, सब इंस्पेक्टर जनार्दन सिंह यादव, रमेश चंद्र वरुण, जगतपाल सिंह, सिपाही सियाराम यादव, अजीत सिंह, आनंद प्रकाश सिरोही, संजीव कुमार अभिजीत यादव, विनय सिंह, देवेन्द्र, राजीव कुमार अमित कुमार, सरताज खान, धर्मेन्द्र तिवारी, चंद्रपाल राठौर, रिषभ जायसवाल, वीर सिंह, पवनेन्द्र सिंह, सूरज सिंह, आशीष यादव, जीत सिंह, देवेश यादव और विशाल सिंह को लगाया गया। एसएसपी ने पुलिस टीम को 20 हजार रुपये नकद देने की घोषणा की है।