पीडि़ता के पिता 10 साल से आसाराम के भक्त

पुलिस के मुताबिक पीडि़ता के पिता पिछले दस सालों से आसाराम के भक्त थे. इस वजह से उन्होंने अपनी बेटी को पांच साल पहले सातवीं कक्षा में आसाराम के छिंदवाड़ा, पाल गांव (मध्य प्रदेश) स्थित गुरुकुल में दाखिला दिलवाया था. अब वह 12वीं में पढ़ रही है. शिकायत में कहा गया कि कुछ दिनों पहले नवयुवती की तबीयत खराब होने पर गुरुकुल प्रबंधन ने उसके परिजनों को सूचना दी. पिता जब वहां पहुंचे तो उनसे कहा गया कि बेटी के स्वास्थ्य में सुधार है लेकिन उसके इलाज के लिए झाड़-फूंक और अनुष्ठान की जरूरत है. अनुष्ठान खुद बापू ही करेंगे. वह इस समय जोधपुर के पास मठाई गांव में एक आश्रम में ठहरे हुए हैं. परिजन बेटी को आश्रम में बापू के पास छोडक़र घर लौट आए.

तीन अनुयायियों के साथ मिलकर नाबालिग से दुष्कर्म

आरोप है कि 14 अगस्त की रात आसाराम ने अपने तीन अनुयायियों के साथ नवयुवती से दुष्कर्म किया. किसी से बताने पर माता-पिता समेत उसे मारने की धमकी भी दी. घर लौटने पर उसने परिजनों को आपबीती सुनाई. आक्रोशित घर वाले इन दिनों दिल्ली के रामलीला मैदान में चल रहे आसाराम के समागम में उनसे मिलने पहुंचे. जब उन्हें नहीं मिलने दिया गया तो वे सीधे कमला मार्केट थाने पहुंच गए और आसाराम को गिरफ्तार करने के नारे लगाने लगे. दूसरी तरफ मामले की जानकारी मिलने पर जोधपुर पुलिस ने आश्रम को अपने कब्जे में ले लिया, ताकि सुबूतों से छेड़छाड़ न किया जा सके.

बापू के प्रवक्ता ने किया खंडन

इस मामले में बापू के प्रवक्ता सुनील वानखेड़े का कहना है कि ‘जब घटना राजस्थान की है तो केस दिल्ली में दर्ज कराने का क्या मतलब है? सच तो यह है बापू 11 अगस्त को ही जोधपुर से चले गए थे.’ गौरतलब है कि आसाराम बापू का विवादों से पुराना नाता रहा है. गत दिसंबर में दिल्ली में सामूहिक दुष्कर्म की शिकार युवती के खिलाफ दिए गए बयान पर उनकी खूब आलोचना हुई थी. उन्होंने कहा था कि अगर पीडि़त युवती आरोपियों के सामने हाथ जोडक़र गिड़गिड़ाती या फिर उन्हें भैया कहकर पुकारती तो शायद वे उसके साथ अत्याचार नहीं करते. उन्होंने युवती के चरित्र पर भी सवाल उठाए थे.

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