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JAMSHEDPUR: पूर्वी सिंहभूम जिले में वर्ष 2016 से अप्रैल 2019 तक 296 रेप के मामले रजिस्टर्ड किए गए हैं। इनमें से कई मामले बेहद चर्चा में रहे, जहां कई सालों तक थानों और अदालतों के चक्कर काटने के बाद भी पीडि़ताओं को न्याय नहीं मिला। रेप मामले में सरकार ने सख्त रवैया अपनाते हुए 22 अप्रैल 2019 को अध्यादेश लाकर 12 साल से कम उम्र की बच्चियों से रेप करने पर मृत्युदंड और सजा को सात साल से बढ़ाकर 10 साल किए जाने का देश के हर वर्ग ने स्वागत किया है। लेकिन सोचने वाली बात यह है कि क्या सजा बढ़ाने से रेप के मामलों में कमी आएगी। पिछले कुछ साल के आंकड़ों पर नजर डाला जाएं तो शहर के साथ ही देश में रेप की वारदातों में वृद्धि हुई है। पुलिसिंग अच्छी होने, मोबाइल का विकास और वूमेन पावर लाइन की स्थापना जैसी करगर नीतियां मामलों को कम करने में सहायक नहीं हो पाई है। जिले के क्राइम ग्राफ पर नजर डालें, तो पूर्वी सिंहभूम में 2016 में जहां रेप के 74 मामले, वर्ष 2017 में 94 और वर्ष 2018 में ये वारदातें बढ़कर 107 हो गईं।

रांची-धनबाद आगे

प्रदेश में हुई की घटनाओं पर एक नजर डाले तो सबसे अधिक वारदातें रांची और धनबाद जिले में रजिस्टर्ड हुई हैं। तीन सालों मे रांची में 533 मामले दर्ज किए गए। रांची के आंकड़ों में रेप के मामलों में साल दर साल वृद्धि हुई। वर्ष 2016 में जहां 151 मामले, 2017 में 156 मामले तो वहीं 2018 में 179 मामले प्रकाश में आये। वहीं, धनबाद में तीन सालों में कुल 330 मामले प्रकाश में आये यहां पर भी जहां 2016 में महज 86 मामले रजिस्टर्ड हुए वहीं 2017 में मामलों की संख्या 122 हो गई। हलांकि, 2018 में यह केवल 87 ही रह गई। हाल के दो तीन वर्षो में नाबालिग बच्चियों से रेप की घटनाओं में निरंतर वृद्धि हुई है, जो चिंता का विषय है।

जिले में जनवरी 2016 से अप्रैल 2019 तक हुई रेप की वारदातें

महीना 2016 2017 2018 2019

जनवरी 04 03 06 01

फरवरी 13 13 08 08

मार्च 06 07 10 03

अप्रैल 11 08 11 09

मई 10 06 06 --

जून 05 08 10 --

जुृलाई 08 11 06 --

अगस्त 04 07 10 --

सितंबर 08 05 11 --

अक्टूबर 03 10 09 --

नंवबर 01 06 09 --

दिसंबर 01 10 11

यह भी जान लें

-नेशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरो की रिपोर्ट के अनुसार देश में हर घंटे में चार रेप होते है।

देश में होने वाले रेप के मामलों में 70 प्रतिशत मामलों में रिपोर्ट दर्ज नहीं होती है।

-दर्ज हुए 30 प्रतिशत मामलों में महज पांच से 10 प्रतिशत मामलों में ही निर्णय होता है।

-वर्ष 2018 में महिला सुरक्षा के मामले में 152 देशों में हुए सर्वे में भारत को 131 वां स्थान मिला।

हाल में हुए कुछ मामले

1 फरवरी 2016 में 15 साल की नाबालिग के साथ चार-पांच लड़कों ने रेप किया पुलिस ने कार्रवाई कर बच्चों को जेल भेज दिया लेकिन एमजीएम में भर्ती बच्ची से गार्ड ने रेप किया था। , पुलिस की गिरफ्त से मुख्य आरोपी फरार हो गया।

14 फरवरी 2018 में मानगो सहारा सिटी में हुए सबसे चर्चित रेपकांड में पूरे एक साल के बाद भी कोई निर्णय नहीं हो पाया है। पुलिस अधिकारियों और बड़े कारोबारियों की मुंडी फंसने के चलते मामले में लगातार लीपापोती की जा रही है।

भारतीय सेवाश्रम मंदिर में पिता का इलाज कराने आई नाबालिग के साथ मंदिर के पुजारी ने किया दुष्कर्म मामला कोर्ट में मामला विचाराधीन है, पुजारी को मिली जमानत मामला कोर्ट में है।

सरकार ने नाबालिग से रेप मामले में मृत्युदंड और तीन साल की सजा बढ़ाये का विभाग स्वागत करता है। नियम से निश्चित ही रेप के मामलों में कमी आएगी। जमशेदपुर पुलिस सजग होकर लोगों की हिफाजत कर रही है। जनता का सहयोग मिलने से हम जल्द ही मामलों में कमी लाएंगे

-अनूप बिरथरे, एसएसपी, जमशेदपुर