- बड़ागांव में पांच साल की मासूम को अगवा कर युवक ने किया रेप

- सुबह खेत में खून से लथपथ मिली बच्ची, हालत गंभीर

- रात ही में एक और बच्ची को उठाया, रेप की कोशिश में पकड़ा गया

VARANASI : बड़ागांव स्थित एक गांव में एक गरीब परिवार के लिए शुक्रवार की रात बेहद काली साबित हुई। घर के एक मात्र पुरुष को पुलिस एक पुराने केस में रात के वक्त नींद से जगा कर उठा ले गई। जबकि रात ही में उसकी पांच साल की बेटी को एक इंसान के रूप में घूम रहे एक भेडि़या ने अगवा कर अपनी हवस का शिकार बना डाला। इतना ही नहीं, इस हैवान ने कुछ ही घंटे बाद एक और बच्ची को सोते हुए उठा लिया और रेप की कोशिश की लेकिन बच्ची की चीख-पुकार सुन ग्रामीणों ने मौके पर पहुंच उसे दबोच लिया। बड़ागांव पुलिस इस मामले में विलेन की भूमिका में नजर आई है। जबकि हैवानियत का शिकार हुई बच्ची हॉस्पिटल में जिंदगी और मौत के बीच झूल रही है।

पहले पुलिस पहुंची घर

बड़ागांव थाना के पुआरी खुर्द एरिया में रहने वाले एक किसान को बड़ागांव पुलिस ने रात आठ बजे घर से उठा लिया। किसान के खिलाफ एक पुराने मुकदमे में गैर जमानती वारंट (एनबीडब्लू) था। किसान की पत्‍‌नी ने पुलिस से गुहार की कि वह सुबह पति को ले जाए क्योंकि घर में वह एक मात्र पुरुष सदस्य थे। लेकिन पुलिस ने एक न सुनी। किसान की पत्‍‌नी अपनी चार बच्चियों के साथ अकेली रह गई। तीन को उसने अलग चारपाई पर सुलाया और फिर सबसे छोटी बच्ची को साथ लेकर रोते-रोते सो गई।

बिस्तर से गायब थी बच्ची

रात लगभग क्क् बजे किसान की पत्‍‌नी को एहसास हुआ कि बच्ची बिस्तर से गायब है। पहले तो उसने घर के अंदर और बाहर उसे खोजा लेकिन बच्ची के नजर न आने पर उसने शोर मचाना शुरू कर दिया। शोर सुन ग्रामीण जुट गए। सभी ने मिलकर खेत-खलिहान के साथ आस-पास के एरिया में बच्ची को तलाशने की बहुत कोशिश की लेकिन कुछ पता न चल सका। ग्राम प्रधान से सूचना मिलने के करीब एक घंटे बाद बड़ागांव पुलिस भी मौके पर पहुंची लेकिन उसे भी बच्ची का कोई सुराग नहीं मिला। अंत खोजबीन छोड़ सुबह दोबारा तलाश की बात कहते हुए सभी वापस हो लिए।

एक और बच्ची हुई लापता

रात करीब एक बजे जब सभी सो गए थे एक बार फिर गांव में हल्ला उठा। इस बार किसी ग्रामीण ने बच्ची के चीखने की आवाज सुनी थी। ये चीख घर के बाहर सो रही क्0 साल की एक बच्ची की थी। ये बच्ची अपनी मां के साथ ननिहाल आई थी। ग्रामीण बच्ची के घर की ओर दौड़े तो एक युवक भागता नजर आया जिसे दौड़ा कर पकड़ लिया गया। शोर मचाने वाली बच्ची ने बताया कि उस युवक ने उसके साथ रेप की कोशिश की। इससे बौखलाए ग्रामीणों ने युवक की जमकर पिटाई की। युवक ने रेप के कोशिश की बात स्वीकार करते हुए खुद को चोलापुर थाना एरिया के गंजारी गांव का निवासी अरविंद (ख्भ् वर्ष) बताया। पिटाई से अधमरा हो चुके अरविंद की करतूत के बारे में गांव वालों ने पुलिस को सूचना दी।

भोर में खेत में मिली बच्ची

इधर, गांव की महिलाएं जब भोर में शौच के लिए निकली तो कुछ दूर एक कच्चे रास्ते के किनारे उन्हें खून से लथपथ वो बच्ची नजर आई जो रात से लापता थी। ये खबर मिलते ही बड़ी संख्या में गांव वाले मौके पर पहुंचे। बच्ची की हालत देखकर हर कोई समझ गया कि उसके साथ दुष्कर्म किया गया है। हालांकि उसकी सांसें चल रही थीं। मासूम के साथ हैवानियत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उसके शरीर पर मार-पीट, घसीटने के साथ ही कई जगह नाखून और दांत काटने के निशान थे।

थाने पर हुआ हंगामा

इस बच्ची की हालत देख ग्रामीण आपे से बाहर हो गए और थाने दर्जनों की संख्या में पहुंच गए। इन सभी को अंदाज था कि पांच साल की मासूम के साथ दरिंदगी करने वाला और कोई नहीं, अरविंद ही है जिसे रात में पुलिस अपने साथ ले गई थी। ग्रामीण अरविंद को खुद के हवाले करने की मांग कर रहे थे ताकि वो उसे अपने स्तर से सजा दे सकें। ग्रामीणों की भीड़ देख कई थाने की फोर्स मौके पर बुला ली गई।

अरविंद ने कबूला जुर्म

पुलिस के बड़े अधिकारी भी बड़ागांव थाने पहुंच गए और बेहोश बच्ची को तत्काल हरहुआ स्थित प्राइवेट हॉस्पिटल लेकर पहुंचे। बच्ची की हालत देख डॉक्टरों ने उसे मंडलीय हॉस्पिटल के लिए रेफर कर दिया। इधर, पुलिस की सख्ती पर अरविंद ने कबूला कि वह साइकिल से पुआरी खुर्द पहुंचा था। वहां मां के साथ सोई पांच साल की बच्ची को चुपके से उठाकर सुनसान जगह ले गया और रेप किया। हालांकि इससे उसका मन नहीं भरा। वह फिर दबे पांव गांव में पहुंचा। घर के बाहर अकेले सो रही क्0 साल की बच्ची को भी उठा ले गया लेकिन उसका मुंह ठीक से न पकड़ पाने के कारण गांव वालों ने उसकी चीख सुन ली और वह पकड़ा गया।

जिंदगी और मौत से जूझ रही बच्ची

दरिंदगी की शिकार बच्ची फिलहाल मंडलीय हॉस्पिटल कबीरचौरा में गंभीर हालत में एडमिट है। ग्रामीण इस मामले में बड़ागांव पुलिस के रोल से इतने खफा थे कि उन्होंने करीब क्क् बजे भोजूबीर-सिंधोरा मार्ग स्थित मुर्दहां बाजार में चक्का जाम कर दिया। ये सभी बड़ागांव थानाध्यक्ष को सस्पेंड करने की मांग कर रहे थे। ग्रामीणों को शांत कराने के लिए कई थानों की फोर्स के साथ सीओ पिण्डरा और बड़ागांव भी मौके पर पहुंचे। इन्होंने मामले की जांच के बार एक्शन लेने का आश्वासन देकर एक घंटे बाद जाम खत्म कराया।

रात में गिरफ्तारी, ये कौन सा रूल है!

पूरे घटनाक्रम में बड़ागांव पुलिस की भूमिका जितनी घटिया है उससे ज्यादा घटिया है पुलिस डिपार्टमेंट की अंग्रेजी शासनकाल वाली स्टाइल। आज भी थानों की एक ही स्टाइल है कि किसी वारंटी को रात के वक्त घर से उठाओ। जिस बच्ची के साथ रेप हुआ उसके पिता को भी बड़ागांव पुलिस ने कुछ इसी स्टाइल में घर से उठाया। बिना ये सोचे की परिवार में एक महिला चार बच्चियों के साथ कैसे पूरी रात रहेगी। पुलिस चाहे तो किसी भी मामले में दिन में ही वारंटी को गिरफ्तार कर सीधे कोर्ट में प्रेजेंट करा सकती है लेकिन रात भर थाने में रखने से उसके अन्य मंसूबे पूरे नहीं होते इसलिए लगभग हर थानेदार ऐसा नहीं करता। बड़ागांव पुलिस ने रात में ही बच्ची को खोजने की हर संभव कोशिश नहीं की जिससे उससे मेडिकल सपोर्ट मिलने में कई घंटे की देरी हुई और अभी बच्ची ही हालत गंभीर ही है।