नई दिल्ली (एएनआई)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को शिवसागर जिले स्थित जेरेंगा पठार में रहने वाले भूमिहीन मूल निवासियों के लिए 1.6 लाख भूमि पट्टा वितरण अभियान की शुरुआत की। इस दाैरान एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि असम और उत्तर-पूर्व क्षेत्र का तेजी से विकास आत्मनिर्भर भारत का अभिन्न अंग है। एक लाख से ज्यादा मूल निवासी परिवारों को भूमि के स्वामित्व का अधिकार मिलने से आपके जीवन की एक बहुत बड़ी चिंता अब दूर हो गई है।

नाॅर्थ-ईस्ट का तेज विकास आवश्यक

आज असम के मूल निवासियों की भाषा, संस्कृति के संरक्षण के साथ भूमि से जुडे़ उनके अधिकारों को सुरक्षित करने पर विशेष जोर दिया जा रहा है। 2019 में बनाई गई नई भूमि नीति यहां की सरकार की प्रतिबद्धता को दिखाती है। पीएम ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत के लिए नाॅर्थ-ईस्ट का तेज विकास आवश्यक है। आत्मनिर्भर असम का रास्ता असम के लोगों के आत्मविश्वास से होकर गुजरता है और आत्मविश्वास तभी बढ़ता है जब परिवार में सुविधाएं मिलती हैं, राज्य में इंफ्रास्ट्रक्चर सुधरता है। बीते सालों में असम में इन पर काफी काम हुआ।

सरकार जरूरी कदम उठा रही

शिवसागर के महत्व को देखते हुए इसे देश की 5 सबसे आइकोनिक आर्कियोलॉजिकल साइट में शामिल करने के लिए सरकार जरूरी कदम उठा रही है। आज असम की हमारी सरकार ने आपके जीवन की बहुत बड़ी चिंता दूर करने का काम किया है। उन्होंने कहा कि ऐतिहासिक बोडो समझौते से अब असम का एक बहुत बड़ा हिस्सा शांति और विकास के मार्ग पर लौट आया है। समझौते के बाद हाल में बोडोलैंड टेरिटोरियल काउंसिल के पहले चुनाव हुए। अब बोडो टेरिटोरियल काउंसिल विकास और विश्वास के नए प्रतिमान स्थापित करेगी।

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