मेरठ-दिल्ली रैपिड रेल कॉरीडोर पर निर्माण कार्य में आएगी तेजी

दो अन्य हाईस्पीड कॉरीडोर भी पकड़ेंगे गति

 

MEERUT : दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरीडोर पर अब रैपिड रेल सरपट दौड़ेगी। केंद्र सरकार ने अंतरिम बजट में शुक्रवार को रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) के मद में 1000 करोड़ रुपए की घोषणा की है। एनसीआर समेत मेरठ, पानीपत और अलवर तक रीजनल कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने के लिए सरकार का यह कदम सराहनीय है। एनसीआरटीसी के सीपीआरओ सुधीर कुमार शर्मा ने बताया कि पहले चरण में तीन आरआरटीएस कोरीडोर को पूरा करने के लिए योजना आयोग ने टास्क फोर्स का गठन कर दिया है। एनसीआर में एकीकृत परिवहन योजना के तहत 8 ऐसे कॉरीडोर का निर्माण 2032 तक होगा।

 

गति पकड़ेगा कॉरीडोर

नेशनल कैपिटल रीजन ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (एनसीआरटीसी) की पीआर प्रोफेशनल्स प्रेरणा डालाकोटि ने बताया कि आरआरटीएस परियोजना को लागू करने के लिए एनसीआरटीसी अधिकृत है। एनसीआरटीसी दिल्ली -गाजियाबाद-मेरठ कॉरीडोर में सिविल निर्माण कार्य करने के लिए तैयार है। अभी कॉरीडोर पर प्रारंभिक पाइल लोड टेस्टिंग का कार्य शुरू कर दिया है। एनसीआरटीसी विभिन्न विभागों से एनओसी लेने की कवायद कर रहा है।

 

एमडीए ने दिए 10 करोड़

दिल्ली-मेरठ हाईस्पीड कॉरीडोर के लिए मेरठ विकास प्राधिकरण ने गत वर्ष 10 करोड़ रुपए एनसीआरटीसी को दिए हैं, जबकि गाजियाबाद विकास प्राधिकरण ने प्रस्तावित 40 करोड़ की धनराशि अभी तक नहीं दी है। केंद्र सरकार द्वारा बजट में 1 हजार करोड़ की धनराशि की घोषणा के बाद कॉरीडोर को लेकर ऊहापोह की स्थिति दूर हुई है। अब दिल्ली-मेरठ हाईस्पीड ट्रेन का सपना साकार होता नजर आ रहा है। इससे दिल्ली से मेरठ 60 मिनट से भी कम समय में पहुंचा जा सकेगा।

 

अलवर-पानीपत कॉरीडोर भी होगा सक्रिय

एनसीआरटीसी दिल्ली-मेरठ के अलावा दिल्ली-अलवर और दिल्ली-पानीपत दो अन्य हाईस्पीड कॉरीडोर का निर्माण आने वाले समय में कर रहा है। बता दें कि आरआरटीएस ट्रेन की डिजाइन स्पीड 180 किमी प्रति घंटे की होगी, ऑपरेशन स्पीड 160 किमी प्रति घंटे है। जबकि औसत स्पीड 100 किमी प्रति घंटे होगी।