कानपुर (इंटरनेट-डेस्क)। भारत में राष्ट्रीय एकता दिवस की शुरुआत साल 2014 में सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती से हुई है। स्वतंत्र भारत के पहले उप-प्रधानमंत्री एवं पहले गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल ने देश को एकता के सूत्र में बांधे रखने के लिए अथक प्रयास किए थे। ऐसे में उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए 31 अक्टूबर को उनकी जयंती पर देश में राष्ट्रीय एकता दिवस यानी कि नेशनल यूनिटी डे मनाया जाता है। जागरण जोश में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय एकता दिवस की शुरुआत 31 अक्टूबर, 2014 को दिल्ली में की गई थी। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र माेदी ने इस दिन का शुभारंभ किया था।

रन फॉर यूनिटी का आयोजन होता

राष्ट्रीय एकता दिवस का मुख्य समारोह देश की राजधानी दिल्ली में आयोजित होता है। हालांकि राष्ट्रीय एकता दिवस के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए और सरदार पटेल को याद करने के लिए रन फॉर यूनिटी नाम से एक राष्ट्रव्यापी मैराथन का आयोजन किया जाता है। इसका आयोजन देश के विभिन्न शहरों, गांवों एवं जिलों में होता है। इसमें स्कूल, कॉलेज, यूनिवर्सिटी, अन्य शैक्षणिक संस्थान, राष्ट्रीय कैडेट कोर एवं राष्ट्रीय सेवा योजना के लोग शामिल होते हैं।

एकीकरण में एक खास भूमिका थी

सरदार पटेल का जन्म 31 अक्टूबर, 1875 को करमसंद, गुजरात में हुआ था। सरदार वल्लभभाई ने वकालत छोड़कर महात्मा गांधी के नेतृत्व में भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन से जुड़ गए थे। इसके अलावा उन्होंने गुजरात के बारदोली एवं खेड़ा में हुए किसान आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। बारदोली सत्याग्रह के दौरान उन्हें सरदार की उपाधि प्रदान मिली थी। 1947-49 के दौरान भारत के 500 से अधिक रियासतों के एकीकरण में उनकी खास भूमिका थी।

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