नई दिल्ली (एएनआई)। केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के तहत ने एक इनोवेशन चैलेंज का अनाउंस किया है। यह चैलेंज अनाउंसमेंट भारतीय स्टार्टअप्स और इनोवेटर्स के लिए है। इसके लिए केंद्रीय मंत्री ने कल ट्वीट भी किया था। इसके तहत वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग को बढ़ावा दिया जाना है। इसमें भारतीय स्टार्ट-अप के लिए वर्ल्ड क्लास वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सॉल्युशन विकसित करना है। वहीं सोमवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए, केंद्रीय मंत्री ने कहा कि लॉकडाउन के कारण सरकारों के बीच संचार बनाए रखने, सरकारी सेवाओं, व्यवसायों, शिक्षा, आदि का लाभ उठाने के लिए बहुत वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग महत्वपूर्ण हो गया है। ऐेसे में अब इसमें विचार आमंत्रित होंगे। विचारों का मूल्यांकन किया जाएगा।

प्रोटोटाइप बनाने के लिए 5 लाख रुपये का फंड मिलेगा

इस चैलेंज में टाॅप टेन टीमों का सेलेक्शन एक सेलेक्शन कमेटी द्वारा किया जाएगा। इस सेलेक्शन कमेटी में शिक्षा, उद्योग और सरकार के विशेषज्ञ शामिल होंगे। प्रत्येक चयनित टीम को अपना प्रोटोटाइप बनाने के लिए 5 लाख रुपये का फंड मिलेगा। प्रोटोटाइप स्टेज में चुनी गई टीम्स को अपने सॉल्युशन का प्रोटोटाइप तैयार करना होगा। बाद में इसे ज्यूरी के सामने पेश करना होगा। यहां पर टॉप 3 टीम्स को फाइनल स्टेज के लिए चुना जाएगा। इसके बाद प्रत्येक चयनित टीम को डिजाइन और सॉल्युशन विकसित करने के लिए 20 लाख रुपे की फंडिंग मिलेगी।

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सॉल्युशन डेवलप करना होगा

इसके बाद फाइनल राउंड में चुनी गई टीम को अपना वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सॉल्युशन डेवलप करना होगा। चैलेंज डिटेल के अनुसार, विनर टीम और भारत सरकार, राज्य सरकार की संस्थाओं द्वारा उनके सॉल्युशन के उपयोग व रखरखाव का एक चार साल के लिए काॅन्ट्रैक्ट होगा। पहले वर्ष में पुरस्कार के ताैर पर 1 करोड़ रुपये रुपये दिए जाएंगे। पहले वर्ष के बाद तीन साल तक ऑपरेशंस व मेंटिनेस के लिए प्रति वर्ष अतिरिक्त 10 लाख रुपये दिए जाएंगे।

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