कानपुर (इंटरनेट डेस्क)। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार, 4 मई को दोपहर 2 बजे एक बयान जारी किया। जिसमें उन्होंने रेपो रेट में बड़े बदलाव की जानकारी दी। गवर्नर ने बताया कि मौद्रिक नीति समिति ने 2 मई से 4 मई तक एक अनिर्धारित बैठक की और रेपो रेट में 40 बेसिस अंकों की वृद्धि करते हुए 4.40 फीसदी कर दिया। इसका असर सीधे आम जनता पर पड़ेगा। रेपो रेट बढ़ने से बैंक लोन पर ब्याज बढ़ा देंगे यानी कि आपकी ईएमआई बढ़ जाएगी।

इंफ्लेशन में होगी भारी वृद्घि
शक्तिकांत दास ने कहा कि मार्च में सीपीआई काफी बड़ा था, और अप्रैल सीपीआई के भी बढ़ने की उम्मीद है। उन्होंने कहा, "अगर यह परिदृश्य सामने आता है तो यह उम्मीदों को कम कर सकता है और विकास को प्रभावित कर सकता है।" आरबीआई गवर्नर ने आगे कहा कि रूस-यूक्रेन के बीच तनाव प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में मुद्रास्फीति को उच्च करने के लिए मजबूर कर रहे हैं और कहा कि कच्चे तेल की कीमत अस्थिर है और $ 100 प्रति बैरल से ऊपर है। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि यूरोप के संघर्ष और निर्यातक द्वारा प्रतिबंध के कारण खाद्य तेल की कमी भी हो सकती है।

चार साल बाद पहली बार बढ़ोतरी
जहां जनवरी से मुद्रास्फीति लक्ष्य 6 प्रतिशत से ऊपर बनी हुई है, वहीं आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि अप्रैल में मुद्रास्फीति के अधिक रहने की संभावना है। मार्च में खुदरा महंगाई दर 6.9 फीसदी रही। आरबीआई ने अगस्त 2018 के बाद पहली बार ब्याज दरों में बढ़ोतरी की है।

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