मुंबई (एएनआई)। छह सदस्यों वाली मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की तीन दिवसीय बैठक के बाद आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा, 'कोविड-19 संक्रमण के मामलों में हाल तेजी से आर्थिक सुधारों को लेकर अनिश्चितता पैदा हो गई है। केंद्रीय बैंक विकास दर को निरंतर बनाए रखने के लिए अपने स्तर पर जरूरी उपाय करता रहेगा।'

रेपो रेट 4 प्रतिशत पर बनी रहेगी स्थिर

आरबीआई ने अपनी प्रमुख ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किए हैं। रेपो रेट पहले की तरह 4 प्रतिशत तथा रिवर्स रेपो रेट 3.35 प्रतिशत पर बनी रहेगी। रेपो वह दर है जिस पर जरूरत के समय कमर्शियल बैंक आरबीआई से कर्ज लेते हैं। महंगाई दर को नियंत्रित करने के लिए केंद्रीय बैंक का यह एक टूल है। रिवर्स रेपो वह दर है जिस पर आरबीआई अन्य बैंकों से कर्ज लेता है।

अनुमानित महंगाई दर में किए बदलाव

आरबीआई ने वित्त वर्ष 2021-22 के लिए जीडीपी की अनुमानित विकास दर को 10.5 प्रतिशत पर ही रखा है। इस वित्त वर्ष के लिए आरबीआई ने सीपीआई आधारित महंगाई दर में बदलाव करके पहली तथा दूसरी तिमाही के लिए 5.2 प्रतिशत, तीसरी तिमाही के लिए 5.3 प्रतिशत और चौथी तिमाही के लिए 5.1 प्रतिशत कर दिया है।

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