बचपन से ही संगीत:

आर डी बर्मन 27 जून,1939 को कोलकाता में जन्में थे। इनके पिता सचिन देव बर्मन भी हिन्दी सिनेमा के बड़े संगीतकार थे। जिसकी वजह से आर डी बर्मन ने बचपन से ही संगीत की दांव-पेंच सिखना शुरू कर दिया था।

ऐ मेरी टोपी पलट के आ:

आरडी बर्मन ने अपने जीवन का पहला गीत 9 साल की उम्र में फिल्म फंटूश के लिए 'ऐ मेरी टोपी पलट के आ' कंपोज किया था। इसके बाद इसी छोटी उम्र में ही आरडी बर्मन ने 'सर जो तेरा चकराये' की धुन भी तैयार की थी।

नौ साल की उम्र में ही कंपोज कर दिया अपना पहला गाना फंटूश

1961 में डेब्यू किया:

हालांकि स्वतंत्र संगीतकार के रूप में आरडी बर्मन ने फिल्म 'छोटे नवाब' से 1961 में डेब्यू किया और 1966 में फिल्म 'तीसरी' मंजिल के गानों से ये काफी लोकाप्रिय हुए। इनके संगीत निर्देशन की आखिरी फिल्म '1942' ए लव स्टोरी'थी।

निक नेम पंचम दिया:

इन्हें पंचम दा नाम से भी जाना जाता है। यह नाम अशोक कुमार ने दिया था। पंचम संगीत का एक तेज सुर होता है। आरडी बर्मन बचपन में बेहद ऊंचे व सुरीले स्वर में रोते थे। ऐसे में एक बार उनकी आवाज सुनकर अशोक कुमार ने उन्हें निक नेम पंचम दे दिया था।

नौ साल की उम्र में ही कंपोज कर दिया अपना पहला गाना फंटूश

जिंदगी में बड़े बदलाव:

आर डी बर्मन ने फेमस सरोद वादक उस्ताद अली अकबर खान से सरोद बजाने की शिक्षा भी ग्रहण की थी। बर्मन की निजी जिंदगी में भी कई परिवर्तन हुए। यही वजह है कि ज्यादातर फैंस उनके हिट सांग्स के साथ उनकी जिंदगी की खास बातों से भी वाकिफ हैं।

 

आशा का हाथ थामा:

मशहूर गायिका आशा भोसले जहां आर डी बर्मन की दूसरी पत्नी थीं वहीं वह उनके दूसरे पति भी थे। बर्मन ने 1966 में पहली शादी रीता पटेल से की थी लेकिन 1971 में उनका तलाक हो गया था। 1980 में उन्होंने आशा भोसले का हाथ थाम लिया था।

नौ साल की उम्र में ही कंपोज कर दिया अपना पहला गाना फंटूश

अभिनय भी किया:

आर डी बर्मन ने संगीत और गायकी के अलावा अभिनय भी किया था। इन्होंने 18 फिल्मों में कई गीतों को अपनी दी। इसके अलावा फिल्म भूत बंगला (1965) और प्यार का मौसम (1969) जैसी फिल्मों में अभिनय भी किया था।  

लीक से हटकर धुनें:

आरडी बर्मन हमेशा लीक से हटकर धुन बनाने की कोशिश में रहते थे। शायद तभी उनकी धुनों को काफी पसंद किया जाता था। उन्होंने अपनी धुनों को समय के बदलाव के साथ हर बार एक नया रूप दिया। जिसे दूसरे संगीतकार भी अपनाते थे।

नौ साल की उम्र में ही कंपोज कर दिया अपना पहला गाना फंटूश

दुनिया को कहा अलविदा:

आर डी बर्मन को उनके बेहतर संगीत कंपोजिंग के लिए पुरस्कार भी मिले। चिंगारी कोई भड़के... कुछ तो लोग कहेंगे...पिया तू अब तो आजा...जैसे संगीत देने वाले आरडी बर्मन ने 4 जनवरी 1994 को इस दुनिया को अलविदा कह दिया था।

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