- सीनियर सेक्शन अफसर से जांच खत्म करने के लिए मांगी थी रिश्वत

- सीबीआई ने शिकायत मिलने पर 40 हजार रुपये रिश्वत लेते दबोचा

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LUCKNOW : आरडीएसओ में जिस अफसर के पास विभागीय भ्रष्टाचार पर नजर रखने की जिम्मेदारी थी, उसको ही सीबीआई ने शनिवार देर रात 40 हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया. राजधानी स्थित सीबीआई की एंटी करप्शन ब्रांच की टीम ने आरडीएसओ के फायनेंस एंड अकाउंट डायरेक्टरेट में सीनियर सेक्शन ऑफीसर रवींद्र दुबे की शिकायत पर चीफ विजिलेंस इंस्पेक्टर अबोध अग्रवाल को दबोचा जिसके बाद उसे जेल भेज दिया गया. सीबीआई की इस कार्रवाई से आरडीएसओ में हड़कंप मच गया है.

फर्जी शिकायत के बावजूद ब्लैकमेलिंग

दरअसल रवींद्र दुबे ने सीबीआई में शिकायत की थी कि कुछ दिन पहले आरडीएसओ के फायनेंस एंड अकाउंट डायरेक्टरेट में कुछ कर्मचारियों के गलत तरीके से प्रमोशन किए जाने की फर्जी शिकायत की गयी थी. सीनियर अफसरों द्वारा प्रमोशन को सही बताते हुए इस शिकायत को फर्जी करार दिया जा चुका था. विगत एक मई को आरडीएसओ में तैनात चीफ विजिलेंस अफसर अबोध अग्रवाल ने उनको सीनियर सेक्शन आफिसर फायनेंस कामिनी मिश्रा की पर्सनल फाइल के साथ बुलाया और कहा कि कामिनी का प्रमोशन गलत हुआ है और आपको उसके नतीजे भुगतने होंगे. मैं आपको शांति से रिटायर नहीं होने दूंगा. साथ ही मेरे पक्ष में रिपोर्ट लगाने के लिए पैसों की डिमांड करने लगे.

जुर्माना लगाने की धमकी दी

इसके बाद मेरे जूनियर अब्दुल लतीफ ने अबोध अग्रवाल से इस मामले में बात की तो उन्होंने एक लाख रुपये की डिमांड रख दी. मैंने इतनी बड़ी रकम देने मे असमर्थता जताई तो वे 50 हजार रुपये में राजी हो गये. साथ ही धमकी दी कि अगर 13 मई तक पैसे नहीं मिले तो वे भारी-भरकम जुर्माना लगाने की संस्तुति के साथ मेरे खिलाफ रिपोर्ट भेज देंगे. रवींद्र ने अपनी शिकायत में यह भी कहा कि इस प्रकरण से अब्दुल लतीफ का कोई लेना-देना नहीं है और वह केवल बतौर मध्यस्थ मेरी मदद कर रहा था. इसके बाद सीबीआई की टीम ने रवींद्र दुबे को चालीस हजार रुपये देकर अबोध अग्रवाल के पास भेजा और रिश्वत की रकम लेते ही उसे दबोच लिया.