-कैबिनेट ने दी रियल एस्टेट विधेयक के मसौदे को मंजूरी

- अब संसद में मंजूरी के लिए रखा जाएगा विधेयक

- विधेयक के कानून बनते ही बिल्डरों पर लागू होंगी कई सख्तियां

NEW DELHI (JNN): बिल्डरों की मनमानी पर शिकंजा कसने को सरकार ने सख्ती बरतने के उद्देश्य से रीयल एस्टेट (नियमन और विकास) विधेयक-ख्0क्भ् के मसौदे को मंजूरी दे दी है। इस विधेयक के कानून का रूप लेने के बाद बिल्डरों को अपनी परियोजनाएं समय पर पूरी करने के लिए एक अलग बैंक खाते में निर्धारित धनराशि जमा करनी होगी। कानून का उल्लंघन करने वाले बिल्डरों पर जुर्माना भी लगेगा। साथ ही रीयल एस्टेट क्षेत्र के नियमन के लिए एक प्राधिकरण का गठन किया जाएगा। बिल्डरों को अपनी सभी परियोजनाओं तथा रीयल एस्टेट एजेंटों का पंजीकरण इस प्राधिकरण के पास कराना अनिवार्य होगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट ने बुधवार को इसे अंतिम रूप दिया। यह विधेयक अब संसद की मंजूरी के लिए जाएगा। इस विधेयक के पारित होने पर उपभोक्ताओं के हितों के बचाव के साथ ही परियोजनाओं का समय पर क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जा सकेगा। सरकार का कहना है कि इस विधेयक के पारित होने पर रीयल एस्टेट क्षेत्र में घरेलू और विदेशी निवेश बढ़ेगा जिससे सबके लिए आवास के लक्ष्य को हासिल किया जा सकेगा।

----

रीयल एस्टेट विधेयक की खास बातें:

क्। व्यावसायिक और रिहायशी परियोजनाओं पर लागू होगा।

ख्। राज्यों में रीयल एस्टेट नियामक प्राधिकरण का गठन किया जाएगा, जो रीयल एस्टेट सौदों पर नजर रखेगा।

फ्। प्राधिकरण के पास रीयल एस्टेट एजेंटों और परियोजनाओं का पंजीकरण अनिवार्य होगा।

ब्। परियोजनाओं के बारे में स्वत: ही खुलासा करना होगा।

भ्। परियोजना को पूरी करने के लिए बिल्डरों को निर्धारित धनराशि अलग बैंक खाते में रखनी होगी।

म्। विवाद निस्तारण के लिए तंत्र बनेगा

7. उपभोक्ता अदालत जा सकेंगे रीयल एस्टेट के मामले ।

8. ग्राहकों की मंजूरी के बगैर परियोजनाओं के प्लान और डिजाइन नहीं बदले जा सकेंगे।