सिर्फ register में हर वर्ष हो रहा है रोडवेज की बसों के चालकों व परिचालकों का स्वास्थ परीक्षण

इलाहाबाद परिक्षेत्र के डिपो में वर्ष 1989 से लेकर 2016 के बीच मात्र एक बार ही लगाया गया health checkup camp

ALLAHABAD: यात्रियों के साथ रोडवेज की बसों में तैनात चालक व परिचालक भी बुनियादी सुविधाओं से कोसों दूर हैं। चालकों व परिचालकों के स्वास्थ परीक्षण का सिर्फ कोरम पूरा कर रिकार्ड दुरुस्त किया जा रहा है। ब्लड प्रेशर से लेकर सुगर की जांच हो या आंख का चेकअप अथवा कान की जांच रिकार्ड में सब ओके है, पर इस ओके की हकीकत चौंकाने वाली है। सच तो ये है कि यहां के शहरी डिपो में 28 वर्ष में महज एक बार ही चालकों और परिचालकों के स्वास्थ का परीक्षण कराया गया है।

नियम तो है पर अमल नहीं

परिवहन निगम के लखनऊ मुख्यालय से प्रत्येक वर्ष सभी क्षेत्रीय प्रबंधक व सेवा प्रबंधक को दो से तीन बार चालकों और परिचालकों कास्वास्थ्य परीक्षण कराने के निर्देश दिए जाते हैं। स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टर और कंपाउंडर टीम के साथ बुलाए जाते हैं। इसकी सूचना परिक्षेत्र के क्षेत्रीय प्रबंधक को दी जाती है। लेकिन सिविल लाइंस, जीरो रोड, लीडर रोड व प्रयाग डिपो में 28 वष में सिर्फ एक बार वर्ष 2016 में ही चालकों व परिचालकों के स्वास्थ का परीक्षण कराया गया।

तो ये है हकीकत

परिवहन निगम में तैनात राम सजीवन चौधरी का सेवाकाल जुलाई 2017 में समाप्त हो जाएगा। वे बताते हैं कि 36 वर्ष के कार्यकाल में सिर्फ एक बार स्वास्थ परीक्षण शिविर में शामिल हुए हैं। वे 1981 से लेकर 2010 तक विभिन्न रुट पर परिचालक के रूप में चलते थे। इसी तरह त्रिलोक सिंह ने 28 वर्षो के कार्यकाल में कभी शिविर का आयोजन होते नहीं देखा है।

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इलाहाबाद परिक्षेत्र के अन्तर्गत प्रयाग, सिविल लाइंस, जीरो रोड, लीडर रोड, प्रतापगढ़ व लालगंज, बादशाहपुर डिपो और मिर्जापुर डिपो आते हैं। इन डिपो में वर्तमान में नियमित चालकों की संख्या 460, जबकि संविदा चालकों की तादाद 673 है। इलाहाबाद से दिल्ली रुट पर लम्बे समय से बस लेकर जाता हूं, लेकिन स्वास्थ परीक्षण के नाम पर कुछ नहीं किया जाता है।

रेशमपाल सिंह

मुख्यालय से साल में दो से तीन बार चालकों और परिचालकों का स्वास्थ परीक्षण कराने का निर्देश आता है। अब तक की सर्विस में एक बार भी धरातल पर परीक्षण नहीं कराया गया है।

त्रिलोक सिंह

निर्देश देने से कुछ नहीं होता है। कोई घटना होने के बाद ही अधिकारी जागते हैं। समय-समय पर इसका भौतिक सत्यापन कराना चाहिए कि निर्देश का कितना पालन किया जा रहा है।

सत्य नारायण यादव

एक महीना रिटायर होने में बचा है। अपने सर्विस पीरियड में कभी नहीं देखा कि चालकों या परिचालकों का स्वास्थ परीक्षण किया गया हो। अधिकारियों से पूछो तो वे यही बताते हैं कि परीक्षण हो रहा है।

राम सजीवन चौधरी

चालकों और परिचालकों के लिए हर महीने स्वास्थ्य परीक्षण शिविर का आयोजन किया जाता है। इसके अलावां पूरे प्रदेश से कानपुर ट्रेनिंग सेंटर में भी चालकों व परिचालकों को भेजा जाता है, ताकि उनके स्वास्थ्य को बेहतर तरीके से जांचा जा सके।

डॉ। हरिश्चंद्र यादव, आरएम इलाहाबाद परिक्षेत्र