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LUCKNOW : यूपी सालिड वेस्ट मैनेजमेंट एंड मॉनीटरिंग कमेटी ने कूड़े के निस्तारण में लापरवाही पर कानपुर नगर निगम, यूपी पाल्यूशन कंट्रोल बोर्ड और कूड़ा निस्तारण का काम कर रही कंपनी आईएल एंड एसएस पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) से जुर्माने की सिफारिश की है। कमेटी के अध्यक्ष व वैज्ञानिकों को कानपुर में कूड़े के निस्ताण व प्लांट के निरीक्षण के दौरान इन तीनों की बड़ी लापरवाही मिली थी। पूर्व जिला जज व सचिव यूपी सालिड वेस्ट मैनेजमेंट एंड मॉनीटरिंग कमेटी, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और यूपी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के वैज्ञानिकों के साथ कानपुर नगर की निरीक्षण आख्या पर यह कार्रवाई की गई है।

नदी किनारे कूड़े का पहाड़

राजेंद्र सिंह ने बताया कि सालिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट के निरीक्षण के दौरान कूड़े या अवशिष्ट के पहाड़ पाए गए और सैकड़ों मीट्रिक टन कूड़ा खुले में रखा था। इसी के बगल में पांडू नदी बहती है। बरसात में इस कूड़े की गंदगी भूमिगत जल में मिलते हुए पांडू नदी के जल को दूषित नहीं करेगी इससे इंकार नहीं किया जा सकता। पांडु नदी का जल भी इस कूड़ा घर के कारण दूषित हो रहा है।

बने कूड़े के पहाड़

कानपुर में कूड़ा प्रबंधन के लिए शुरुआत में ए-2 जेड को प्रबंधन का काम दिया गया था। 2012 में इसका लाइसेंस निरस्त हो गया। इसके बाद आईएल एंड एसएस ने यह काम संभाला। निरीक्षण के दौरान टीम ने पाया कि प्लांट में 300 से 350 टन कूड़े का रोजाना निस्तारण होता है। जबकि 1100 टन रोजाना का संग्रह है। रोजाना 750 से 800 टन कूड़ा रोज शेष रह जाता है। इससे यहां पर कूड़े का पहाड़ बन गया है। तौल मशीन भी खराब थी और निस्तारण का कार्य बहुत ही कम था। निरीक्षण करने वाली टीम ने जमीन में बोर करके भूमिगत जल का परीक्षण किया तो वह भी दूषित निकला।

15 करोड़ का जुर्माना

सालिड वेस्ट मैनेजमेंट एंड मॉनीटरिंग कमेटी के अध्यक्ष ने निरीक्षण आख्या के आधार पर कानपुर नगर निगम की लापरवाही पर उसके ऊपर एनजीटी को 15 करोड़ रुपए पर्यावरणीय जुर्माना लगाने की सिफारिश की है।

यूपीपीसीबी पर दो करोड़ का जुर्माना

कमेटी ने यूपी पाल्यूशन कंट्रोल बोर्ड पर दो करोड़ रुपए पर्यावरणीय हर्जाना लगाए जाने की सिफारिश की है। इसके अलावा आईएल एंड एसएस कंपनी पर भी दो करोड़ पर्यावरणीय हर्जाना लगाए जाने की संस्तुति की गई है।

कमेटी रखेगी नजर

मानीटरिंग कमेटी ने कहा है कि कानपुर नगर निगम के कार्य की देखरेख के लिए सचिव शहरी विकास, सचिव पया्रवरण और सचिव स्वास्थ्य की टीम का गठन किया गया है जो कानपुर शहर की सफाई और कूड़ा निस्तावरण व इसके प्रबंधन को देखेंगी। यह कमेटी प्रमुख सचिव शहरी विकास के अंतर्गत कार्य करेगी। यह भी निर्देश दिया गया कि एक साल में बायो रेमीडिएशन द्वारा संपूर्ण कूड़ा स्तिारित किया जाए।

ढका जाए कूड़ा

कमेटी ने यूपी जल निगम से कहा है कि तीन माह के अंदर पीने योग्य जल के लिए टंकी स्थापित करें वहीं कूड़े को एकत्र कर डस्टबीन रखवाने की व्यवस्था की जाए, कूड़े को ढका जाए ताकि वायु प्रदूषण न हो।

किस पर कितना जुर्माना

  • कानपुर नगर निगम पर- 15 करोड़
  • यूपी पीसीबी पर-दो करोड़
  • आईएल एंड एसएस कंपनी पर- दो करोड़

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