शिक्षकों की प्रोन्नति प्रक्रिया का विरोध, प्रो। हांगलू तक पहुंची बात

ALLAHABAD: इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में शिक्षकों की प्रोन्नति के लिए बुलाई जा रही सिलेक्शन कमेटी और उसके परिणामों पर सवाल उठते रहे हैं। इसी क्रम में अवकाश के दिन यूनिवर्सिटी में शिक्षकों की प्रोन्नति के लिए संचालित की गई प्रक्रिया एक बार फिर सवालों के घेरे में आ गई है। फिजिकल एजुकेशन डिपार्टमेंट के हेड ने इसकी शिकायत सीधे नवनियुक्त वाइस चांसलर से कर दी है। ऐसे में नए वीसी के ज्वाईन करने से पहले शुरू हुआ विवाद क्या नया मोड़ लेगा, यह तो आने वाला समय ही बताएगा।

हिचकते रहे स्थाई वीसी

गौरतलब है कि यूनिवर्सिटी के शिक्षक लम्बे समय से प्रोन्नति के लिए सिलेक्शन कमेटी बुलाए जाने की मांग कर रहे थे। यूनिवर्सिटी के स्थाई वीसी प्रो। एके सिंह के समय तो उनकी यह मुराद पूरी नहीं हो सकी। क्योंकि, प्रो। सिंह प्रोन्नति प्रक्रिया आगे बढ़ाने को लेकर हमेशा हिचकते रहे। प्रो। सिंह के जाने के बाद शिक्षक प्रोन्नति को लेकर कुछ ज्यादा ही विचलित रहे। इस बीच वीसी की कुर्सी संभालने वाले प्रो। ए सत्यनारायण ने शिक्षकों की मांगों पर गौर किया और उनसे वादा किया कि वो इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाएंगे।

इतनी हड़बड़ाहट समझ से परे

हालांकि, शिक्षकों का एक तबका यह भी कहता रहा कि कार्यवाहक कुलपति सेलेक्शन कमेटी आहुत नहीं कर सकते। इसके लिए उन्होंने उच्चस्तर तक अपनी बात भी पहुंचाई। इसी क्रम में सैटरडे को विभागों के लिए बुलाई गई सिलेक्शन कमेटी पर भी आपत्ति दाखिल की गई है। फिजिकल एजुकेशन डिपार्टमेंट के हेड डॉ। डीसी लाल ने शिकायत दर्ज करवाई है कि यूनिवर्सिटी में स्थाई कुलपति प्रो। रतन लाल हांगलू की नियुक्ति हो चुकी है। उन्हें 30 दिसम्बर को चार्ज संभालना है। ऐसे में शिक्षकों की प्रोन्नति के लिए इतनी हड़बड़ाहट समझ से परे है।

छुट्टी के दिन पर जताई आपत्ति

डॉ। लाल ने प्रो। हांगलू के अलावा राष्ट्रपति, एमएचआरडी मिनिस्टर स्मृति ईरानी, यूजीसी चेयरमैन और सभी कार्य परिषद सदस्यों को भी पत्र भेजा है। जिसमें उन्होंने लिखा है कि स्थाई वीसी की नियुक्त हो जाने के बाद पदोन्नति व नियुक्ति से संबंधित किसी भी प्रक्रिया को आगे बढ़ाना और परिणाम जारी करना गलत है। डीसी लाल ने विंटर वैकेशन के समय संचालित प्रक्रिया का भी विरोध किया है। इस बावत प्रो। सत्यनारायण से बात की गई तो उन्होंने कहा कि सारे लिफाफे नव नियुक्त कुलपति द्वारा ही खोले जाएंगे।