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नम्बर गेम

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सेकेंड है सिविल लाइंस से लखनऊ रूट के म्योहाल चौराहे पर लगी ग्रीन लाइट

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सेकेंड है धोबीघाट से कचहरी रूट की म्योहाल चौराहे पर लगी ग्रीन लाइट

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गाडि़यां रेड सिग्नल होने पर रुकती हैं सिविल लाइंस से लखनऊ रूट पर

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गाडि़यां म्योहाल पर रेड लाइट में रुकती हैं धोबीघाट से कचहरी रूट पर

mukesh.chaturvedi@inext.co.in

PRAYAGRAJ: शहर के विभिन्न चौराहे पर पब्लिक रेड और ग्रीन सिग्नल में बुरी तरह से फंसी है। एक तरफ चौराहे पर वाहन क्रॉस करने में समय अधिक लग रहा है। वहीं दूसरी तरफ जेब भी ढीली हो रही है। गाडि़यों के लिए 60 सेकेंड का समय भी कम पड़ रहा है। आखिर ऐसा क्या है जिससे पब्लिक को चौराहे क्रॉस करने में अधिक समय लग रहा है। साथ ही मजबूरी में तोड़े गए ट्रैफिक सिग्नल का खामियाजा उन्हें जुर्माने से भुगतना पड़ रहा है। मंगलवार को दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट द्वारा म्योहाल चौराहे पर किए गए रियलिटी चेक में इन बिन्दुओं पर पड़ताल की गई

मजबूरी में तोड़ना पड़ रहा ट्रैफिक रूल

म्योहाल चौराहे पर सिग्नल 30 सेकेंड का फिक्स है। रिपोर्टर ने शाम करीब चार बजे सिविल लाइंस से लखनऊ जाने वाले वाहनों को 30 सेकेंड तक वॉच किया। रेड सिग्नल होते ही इस रूट पर छोटी-बड़ी कुल मिलाकर करीब 90 गाडि़यां आड़ी-तिरछी खड़ी हो गई। ग्रीन सिग्नल होते ही इनमें कुछ ने चौराहा पार कर लिया। लेकिन कुछ वाहनों के चौराहा पार करने के पहले ही सिग्नल रेड हो गया। अब बीच में फंसे इन वाहनों को चौराहा क्रॉस करने के लिए ट्रैफिक रूल तोड़ना मजबूरी हो गया।

तो ढीली हो रही पब्लिक की जेब

इसी चौराहे पर रिपोर्टर ने धोबीघाट से कचहरी रूट पर भी हालात का जायजा लिया। यहां तीस सेकेंड के रेड सिग्नल पर 60 गाडि़यां आड़े-तिरछे खड़ी हो गई। तीस सेकेंड बाद सिग्नल ग्रीन हुआ तो फिर जाम की कंडीशन बन गई। सबसे पीछे खड़ा वाहन जेब्रा लाइन तक पहुंचता कि सिग्नल फिर रेड हो गया। ऐसे में वाहन चालक को सिग्नल तोड़कर कचहरी की तरफ बढ़ना पड़ा। सिग्नल तोड़ते ही कचहरी साइड पेट्रोल पम्प के पास खड़े ट्रैफिक इंस्पेक्टर ने गाड़ी का ई-चालान कर दिया।

खुद भी हैं काफी हद तक दोषी

ट्रैफिक सिग्नल तोड़ने वाले हालात के पीछे खुद वाहन चालक भी दोषी हैं। यदि रेड सिग्नल पर गाडि़यां को कतार में खड़ा किया जाए और बायीं ओर की रो छोड़ दी जाए तो मुश्किल नहीं होगी। वाहन निर्धारित तीस सेकेंड में चौराहे को पार कर सकते हैं।

बाक्स

म्योहाल चौराहे पर जाम का प्राइम टाइम

-सुबह आठ से 11 बजे तक सबसे ज्यादा ट्रैफिक का दबाव

-दोपहर 12 से एक के बीच स्कूल से बच्चों के छूटने का टाइम होने पर

-शाम को चार बजे से शाम सात अधिकतम रात आठ बजे तक

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बॉक्स

जुलाई में सिग्नल पर चालान

वाहन संख्या

जीप-कार 144

टैंपो-विक्रम 156

मोटरसाइकिल 376

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नो-डीएल हेलमेट पर चालान

कार-जीप 170

टैंपो विक्रम 400

मोटरसाइकिल 1820

नो-हेलमेट 11781

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ईयरफोन पर हुए चालान

कार-जीप 38

विक्रम-टैंपो 40

मोटर साइकिल 110

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प्रदूषण फैलाने पर चालान

ट्रक 14

जीप-कार 68

टैंपो विक्रम 120

मोटर साइकिल 100

वर्जन

ट्रैफिक सिग्नल का टाइम हर चौराहे पर अलग-अलग फिक्स है। म्योहाल चौराहे पर 30 सेकेंड का टाइम फिक्स है। जाम की स्थिति चालक ही पैदा करते हैं। ऐसे में सिग्नल तोड़ने पर कार्रवाई तो होगी ही। अगर कतार से खड़े होकर सलीके से निकलें तो यह समय कम नहीं है।

-कुलदीप सिंह

एसपी ट्रैफिक प्रयागराज