- 6 माह से कार्यदायी संस्था को लगातार सीएमएस भेज रही थीं रिमाइंडर

- पुराने उपकरणों को किया जाएगा मेल हॉस्पिटल में शिफ्ट

बरेली : अब महिला हॉस्पिटल में नौनिहालों का इलाज और भी बेहतर तरीके से हो सकेगा। जी हां थर्सडे को महिला हॉस्पिटल को 12 नये रेडिएंट वॉर्मर और 6 फोटो थैरेपी मशीनें मिल गई। करीब 6 माह पहले शासन की ओर से नामित कंपनी द्वारा भेजे गए उपकरणों में खराबी के कारण वापस भेज दिया गया था। इसके बाद से लगातार नए उपकरणों की डिमांड की जा रही थी।

पहले यह थी व्यवस्था

महिला हॉस्पिटल में बने एसएनसीयू में पहले 6 रेडिएंट वार्मर और 4 फोटो थैरेपी मशीनें लगाई गई थीं, लेकिन यहां भर्ती होने वाले बच्चों की संख्या अधिक होने के कारण एक रेडिएंट वार्मर पर दो-दो बच्चे भर्ती करने पड़ रहे थे। जिससे बच्चों में संक्रमण होने का खतरा बना रहता था। लेकिन अब उपकरणों की संख्या बढ़ने से हालात काफी बेहतर हो जाएंगे।

पुराने उपकरणों होंगे शिफ्ट

अभी एसएनसीयू में जो पुरानी मशीनें लगी हुई हैं इसमें दो रेडिएंट वार्मर सीएमओ ने सीएचसी-पीएचसी से उपलब्ध कराए थे, वहीं बाकि मेल हॉस्पिटल के बच्चा वार्ड में बने एनआईसीयू से यहां से शिफ्ट किए गए थे। अब नये उपकरण आने से इन्हें दोबारा वहां शिफ्ट किया जाएगा।

12 रिमाइंडर के बाद जागा विभाग

महिला हॉस्पिटल की सीएमएस डॉ। अलका शर्मा के अनुसार 12 बार एडी हेल्थ समेत विभाग के आला अफसरों को रिमाइंडर भेज कर स्थिति से अवगत कराया गया था जिसके बाद नये उपकरण उपलब्ध कराए गए हैं।

यह होता है रेडिएंट वार्मर

रेडिएंट वार्मर में प्री मेच्योर और कम वजन वाले नवजात को रखा जाता है। वहीं बच्चे का एचबी कम होने पर भी इसमें रखा जाता है। वही फोटो थैरेपी मशीन में उन नवजात को रखा जाता है। जिनको ज्वाइंडिस हो जाता है। इस मशीन में अल्ट्रावाइब्रेंट रेज निकलती हैं जो ज्वॉइंडिस ठीक करने में मददगार साबित होती हैं।

वर्जन

6 माह बाद थर्सडे को 12 नये रेडिएंट वॉर्मर और 6 फोटो थैरेपी मशीनें प्राप्त हो गई हैं। इन्हें फ्राईडे को एसएनसीयू में शिफ्ट कराया जाएगा। इससे नवजात का इलाज और बेहतर ढंग से होगा। वहीं एक मशीन पर दो बच्चे भर्ती करने वाली समस्या भी काफी हद तक कम होगी।

डॉ। अलका शर्मा, सीएमएस